वृंदावन के अनिरुद्ध आचार्य अपने बयानों के कारण लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं और यह विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक बार फिर अपने विवादित बयान को देने और माफी मांग कर मामले को शांत करने की कोशिश करते हुए वह दिखाई दे रहे हैं।
कभी वह सीता जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते तो कभी राधा जी पर कभी लड़कियों पर अश्लील टिप्पणी करते हैं। अनिरुद्ध आचार्य ने व्यास पीठ को हंसी मजाक का स्थान बना दिया है। एक बार फिर से आचार्य अपने विवादित बयान को देखकर धार्मिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि लड़के लड़कियां शादी तक ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे तभी बच्चा स्वस्थ होगा नहीं तो बच्चे संस्कारवान नहीं होंगे।
वहीं अब साधु संतों ने इस बयान की निंदा की और नाराजगी जताई। इसी परिपेक्ष में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मस्जिद केस के याचिका कर्ता दिनेश फलाहारी महाराज ने कहा है कि अनिरुद्ध आचार्य विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने व्यास पीठ को हंसी मजाक का स्थान बना दिया है। इनको व्यास पीठ की मर्यादा का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ की संपत्ति इकट्ठा हो जाने पर इनको अहंकार हो गया है। केवल बेटियों को ही मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।
महंत श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य नामक गुरु ही गलत है। उनके खिलाफ हमें कोर्ट में कार्रवाई शुरू कर दी है। महंत मधुसूदन दास जी महाराज ने कहा केवल बेटियों को ही मुद्दा नहीं बनाया जाए, बहस सभी समाज पर होनी चाहिए।
महंत अभी दास जी महाराज ने कहा कि व्यास पीठ केवल भगवान की चरित्रों का गुणगान करने के लिए होती है, इसमें महिलाओं पर टिप्पणी करना चिंता का विषय है।
