किश्तवाड़ में बृहस्पतिवार को बादल फटने से भारी तबाही मची। अचानक आई बाढ़ में पूरा इलाका तबाह हो गया और लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई। अब तक करीब साठ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और साठ से सत्तर लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीण इलाकों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि कई लोग अब तक घर नहीं लौटे हैं जिससे मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। कई शव बरामद कर लिए गए हैं जिनकी पहचान भी हो चुकी है जबकि कुछ की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस त्रासदी पर चिंता जताते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने तत्काल संज्ञान लिया और रातों रात राहत सामग्री और जरूरी उपकरण यहां पहुंचाए गए। सीआरपीएफ, सेना, वायुसेना और पुलिस मिलकर राहत बचाव में जुटे हैं। बीआरओ की मशीनों से सड़कों पर जमा मलबा हटाया जा रहा है ताकि फंसे हुए लोगों तक पहुंचा जा सके।
गंभीर रूप से घायल लोगों को जम्मू मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है जहां करीब बावन मरीज भर्ती कराए गए हैं। जिनकी हालत ज्यादा गंभीर है उन्हें बाहर के अस्पतालों में भेजा जा रहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि किसी भी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा हादसा है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। अब तक साठ मौतें हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। उन्होंने माना कि कई लोग अब भी लापता हैं जिनकी तलाश लगातार जारी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक बार राहत बचाव पूरा हो जाए तो इस बात की जांच की जाएगी कि जब मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी तो क्या प्रशासन ने लोगों को सचेत करने के लिए सही कदम उठाए थे या नहीं।
एसडीआरएफ की टीम लगातार काम में जुटी है और एनडीआरएफ भी दिल्ली से रवाना हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर पूरे हालात की जानकारी ली और दुख जताया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी बात कर राहत बचाव की जानकारी हासिल की।
फिलहाल पूरे क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है और प्रशासन ने साफ किया है कि लापता लोगों को तलाशने में पूरी ताकत झोंकी जा रही है।
