देहरादून में जन्मे और भारतीय वायुसेना में अपनी बहादुरी का लोहा मनवाने वाले ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा को ऑपरेशन सिंदूर में अदम्य साहस दिखाने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। उन्होंने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और आतंकियों के अड्डों को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि पूरे उत्तराखंड को उनके साहस पर गर्व है।
देश आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इस मौके पर शहीदों और जांबाज सैनिकों को याद किया जा रहा है। लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को ऐसी सजा दी जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी गई थी। बच्चों के सामने उनके पिता की जान ले ली गई थी। पत्नी के सामने पति को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना से पूरा देश गुस्से में था और दुनिया भी दंग रह गई थी। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश का जवाब था जिसमें भारतीय वायुसेना ने दुश्मन की धरती में सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को मिटा दिया और उनके अड्डों को खंडहर बना दिया।
केंद्र सरकार ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले नौ जांबाज वायुसेना अधिकारियों को वीर चक्र से नवाजा है। इन अधिकारियों ने पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर में स्थित सैन्य और आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। पहलगाम हमले के बाद 6 और 7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पीओके में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बमबारी की और पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया।
