देहरादून से बड़ी खबर आ रही है जहां उत्तराखंड के पंचायत चुनाव के आखिरी दौर में आज बारह जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। देहरादून में मुकाबला काफी दिलचस्प बन गया है क्योंकि यहां कांग्रेस अपनी सबसे मजबूत सीट बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। कई जिलों में बीजेपी पहले ही कांग्रेस को कड़ी टक्कर देकर जीत चुकी है।
देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस की नजरें टिकी हुई हैं, इसलिए पार्टी के बड़े नेता जैसे चकराता से विधायक प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, काजी निजामुद्दीन, सूर्यकांत धस्माना और राजकुमार जैसे वरिष्ठ नेता खुद जिला पंचायत कार्यालय के बाहर डटे हुए हैं। कांग्रेस को शक है कि बीजेपी कोई न कोई खेल कर सकती है। इसलिए जब तक नतीजे नहीं आते ये लोग वहां से हटने वाले नहीं हैं।
एक न्यूज टीम जब मौके पर पहुंची तो देखा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौजूदगी बीजेपी के मुकाबले काफी ज्यादा है। प्रीतम सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वोटिंग पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ नतीजों का इंतजार है जो तीन बजे के आसपास आने वाले हैं। उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि प्रदेश भर में सत्ता का गलत इस्तेमाल हुआ है और इससे जनता नाराज है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि देहरादून में बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्यों को डराने धमकाने की कोशिश की। यहां तक कि एसएसपी ऑफिस बुलाकर धमकी दी गई कि अगर बीजेपी को वोट नहीं दिया तो जमीनें जब्त कर ली जाएंगी। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पैसे और ताकत के दम पर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बीजेपी सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी वोट की चोरी कर रही है। उन्होंने नैनीताल की घटना का जिक्र किया जहां नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या के फेसबुक से लाइव वीडियो में दिखा कि किस तरह वोटों को बंदूक की नोक पर छीना गया। करन माहरा ने ये भी कहा कि बाकी जिलों में भी ऐसी ही अराजकता फैलाई जा रही है और अब जो गैरसैंण में विधानसभा का मानसून सत्र होगा उसमें कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर सरकार से जवाब मांगेगी।
