बद्रीनाथ धाम में मा योजना के तहत पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के प्रतिको के साथ छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय नागरिकों में काफी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब नागरिकों ने जुलूस प्रदर्शन कर शासन और प्रशासन की नीतियों की आलोचना की है।
बद्रीनाथ धाम में महायोजना के तहत सुंदरीकरण के विकास कार्य चल रहे हैं जिसमें नई सड़कों का निर्माण, रीवर फ्रंट, मंदिर के आसपास का सुंदरीकरण, झीलों का विकास, पार्किंग का निर्माण और यात्रा मार्ग में बदलाव शामिल हैं।
स्थानीय नागरिकों ने पौराणिक और धार्मिक शिलाओं को तोड़ने, चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों की सीमित संख्या को समाप्त करने, बदरीनाथ धाम महायोजना 2025 का पुनर्वालोकन करने और प्रभावित परिवारों के लिए विस्थापन नीति के तहत भूमि की रजिस्ट्री की मांग की है।
नागरिकों ने पंचभैया मोहल्ले कुबेर गली में निवासरत प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास नीति को स्पष्ट करने और शासनादेश जारी करने की भी मांग की है। अधिकतर प्रभावित परिवारों के लिए नई भूमि का चयन अभी तक नहीं किया गया है जिससे नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है।
गुस्साये नागरिकों ने धरना स्थल अराइवल प्लाजा से साकेत तिराहे तक जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया। इस प्रदर्शन में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता, बदरीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष पीताम्बर मोलफा, मंदीप भंडारी, धर्मेंद्र भंडारी, अनुज नैनवाल, शांति देवी, शांति देवी, विजया देवी, भगतवी देवी सहित कई नागरिक शामिल हुए।
