दून नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी कांग्रेस के लिए सिर्फ संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि राजनीतिक प्रतिष्ठा का भी अब सवाल बन गई है। बोर्ड गठन को 6 महीने होने के बावजूद कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष को नियुक्त नहीं कर पाई।
अब पार्टी ने इसके लिए एक नया फार्मूला निकाला है जिस दावेदार को 50% से अधिक कांग्रेस पार्षदों का समर्थन मिलेगा। वही नेता प्रतिपक्ष बनेगा।
पार्टी संगठन ने सभी नगर निकायों में यही मानक अपनाने का फैसला किया गया है। इस वजह से जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों से रिपोर्ट भी मंगाई गई है। दावेदारों की समर्थन की स्थिति को समझ कर अपनी पार्टी की कमान को सौंपी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में कुछ खास निर्णय की संभावना है।
दून निगम में 23 कांग्रेस पार्षद हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्षद कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता, अर्जुन सोनकर और इतात खान नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह पार्षद निजी स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय हैं।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका केवल विरोध दर्ज करने तक सीमित नहीं है। यह राजनीतिक रूप से सत्ता पक्ष को जवाब दे। विकास कार्यों में विपक्ष के भागीदारी और कांग्रेस शासित वार्ड के मुद्दों को उठाने की भी बात है।
