धराली आपदा के बीच मुख्यमंत्री धामी ने मौके से चलाई कैबिनेट, लिए बड़े फैसले और सुनी पीड़ितों की आपबीती

उत्तरकाशी के धराली में आई तबाही को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन हालात अब भी बेहद मुश्किल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरुआत से…

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उत्तरकाशी के धराली में आई तबाही को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन हालात अब भी बेहद मुश्किल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरुआत से ही मौके पर मौजूद हैं और पिछले तीन दिनों से दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को उन्होंने आपदा प्रभावित इलाके से ही कैबिनेट बैठक की और विकास से जुड़े अहम फैसले लिए ताकि यह साफ संदेश जाए कि आपदा के समय भी विकास की रफ्तार थमनी नहीं चाहिए।

धराली में सेना और तमाम एजेंसियां लगातार राहत और बचाव में जुटी हैं। मुख्यमंत्री धामी लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में हैं और हर पल की जानकारी साझा कर रहे हैं। बीते तीन दिनों से प्रदेश के बड़े अधिकारी भी मौके पर डटे हुए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने वहां फंसे कई यात्रियों से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि धराली और आसपास फंसे सभी लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों में जल्द पहुंच बनाने के लिए तेज कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। फंसे लोगों को निकालने में तेजी लाने के साथ ही दुर्गम जगहों पर राहत दलों की पर्याप्त तैनाती की जा रही है। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्यों को तेज करने और सभी जरूरी संसाधन समय पर उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया है। संचार बिजली और सड़क संपर्क जल्द बहाल करने और राहत सामग्री बिना किसी रुकावट के पहुंचाने के भी आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा है कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति तक मदद पहुंचाने में देरी नहीं होनी चाहिए और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करे। वह लगातार धराली और आसपास के गांवों का दौरा कर रहे हैं जिससे लोगों में यह भरोसा बना है कि सरकार सिर्फ आदेश देने के लिए नहीं बल्कि मुश्किल वक्त में हर नागरिक के साथ खड़ी है। उनका सक्रिय और मानवीय रवैया न सिर्फ प्रभावित परिवारों के लिए सहारा बना है बल्कि राहत और बचाव में जुटे जवानों का हौसला भी बढ़ा रहा है।

धराली में पांच अगस्त को आई आपदा में पूरा बाजार मलबे में समा गया था। कई जिंदगियां करीब पचास फीट मलबे के नीचे दबी हैं और उन्हें ढूंढने के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी हुई हैं।