उत्तराखंड मैं आज यानी 7 अगस्त को बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। अगले कुछ घंटे के अंदर बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड में अभी लगातार बारिश का दौर जारी है बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों की हालत खराब हो गई है। बारिश के अलर्ट को देखते हुए केदारनाथ की यात्रा रोक दी गई है और इसके साथी मदमहेश्वर की यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है।
पुलिस प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए अपील की है कि वह सुरक्षित स्थानों पर रहे हालांकि केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से स्थगित है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा पर रोक लगा दी गई है। केदारनाथ में मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों को अगले दिन तक पैदल मार्ग पर आवाजाही नहीं करने के लिए कहा गया है। वही चमोली जिले में भी लोगों का आना-जाना बंद रहा। वन विभाग की टीम ने फूलों की घाटी से डेढ़ सौ लोगों का रेस्क्यू किया था। मौसम और स्थिति को देखने के बाद ही पर्यटकों के लिए यह घाटी खोलने का फैसला लिया जाएगा।
उधर चमोली में ज्योर्तिमठ से लगभग 1 किलोमीटर पहले जोगी धारा के पास चट्टान से भारी बोल्डर टूटकर हाईवे पर गिर गया, जिससे बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया। बोल्डर आने से हाईवे के दोनों और लगभग 500 तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे।
लगभग 20 घंटे बाद जब रास्ता खुला तो वाहनों की आवाजाही शुरू हुई और यात्रा पर तीर्थ यात्रियो को भी जाने दिया गया। उधर उत्तरकाशी के धारली में बादल फटने से जिंदगी की जंग जारी है। सेना आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलीकॉप्टर से खोज और बचाव कार्य कर रही है।
हर्षिल में मलबे में फंसे 11 जवानों समेत 13 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। प्रशासन के अनुसार सेना के 10 जवान सहित 20 लोग अभी भी लापता है जिनकी तलाश की जा रही है।
धराली में आई आपदा के चलते दूसरे दिन भी रास्ते भूस्खलन की वजह से जगह-जगह बंद कर दिए गए जिसकी वजह से राहत और बचाव कार्य में भी समस्या आ रही है। वही खीर गंगा में बार-बार मलबे के कारण भवनो को नुकसान पहुंच रहा है। यहां बने बहु मंजिला होटल और रेस्टोरेंट भी जमींदोज हो गए हैं। जबकि कई लोग मलबे में फंस गए थे।
