सात मंजिलों में सजा नया कर्तव्य भवन, जानिए क्या है इसकी खास पहचान

नई दिल्ली से खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य भवन का उद्घाटन कर दिया है। इस इमारत को केंद्रीय सचिवालय भवन…

नई दिल्ली से खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य भवन का उद्घाटन कर दिया है। इस इमारत को केंद्रीय सचिवालय भवन तीन के नाम से भी जाना जा रहा है। ये वही नया भवन है जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले दस कॉमन सचिवालय भवनों में से एक है। बताया जा रहा है कि अगले बाईस महीने में बाकी इमारतें भी बनकर तैयार होंगी।

सरकारी जानकारी में ये बात सामने आई है कि कर्तव्य भवन तीन को इस तरह से बनाया गया है जिससे इसमें तीस प्रतिशत तक कम बिजली की खपत होगी। इसके निर्माण के दौरान पर्यावरण और टिकाऊपन का भी खास ध्यान रखा गया है।

इस बिल्डिंग का प्लिंथ एरिया यानी फ्लोर लेवल पर नापा गया क्षेत्र लगभग डेढ़ लाख वर्ग मीटर है। इसका बेसमेंट चालीस हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इमारत कुल सात मंजिला है और दो हिस्सों में बनी हुई है। पार्किंग की बात करें तो इसमें छह सौ कारों के खड़े होने की जगह है। कर्तव्य भवन में एक शिशु देखभाल केंद्र है। योग के लिए अलग से कमरा है। मेडिकल रूम है। एक कैफे है। रसोईघर है और एक बड़ा सा बहुउद्देशीय हॉल भी मौजूद है।

इसमें चौबीस बड़े कॉन्फ्रेंस रूम हैं जिनमें से हर एक में पैंतालीस लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा इसमें छोटे छोटे छब्बीस कॉन्फ्रेंस रूम और बने हैं जिनमें पच्चीस लोग बैठ सकते हैं। कुल सड़सठ मीटिंग रूम बनाए गए हैं और सत्ताईस लिफ्ट भी लगी हैं।

भवन में डबल ग्लेज़्ड खिड़कियां लगी हैं। सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम है। वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था भी की गई है। कचरे के निस्तारण पर भी खास ध्यान दिया गया है। इसके लिए जीरो डिस्चार्ज वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है और सॉलिड वेस्ट को वहीं प्रोसेस करने का इंतजाम है।

सरकार की तरफ से ये बताया गया है कि अभी कई मंत्रालय शास्त्री भवन कृषि भवन उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं। ये बिल्डिंग्स सन् उन्नीस सौ पचास से सत्तर के दशक के बीच बनी थीं। अब इन्हें पुराने ढांचे वाली और गैरजरूरी खर्च वाली इमारतों में गिना जा रहा है।

सरकारी दफ्तरों को दोबारा से बनाने के बाद अगला कदम होगा एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव की ओर जिसमें नया प्रधानमंत्री कार्यालय बनेगा। कैबिनेट सचिवालय होगा। इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय भी उसी में शामिल होंगे।