अब ऐप या सिस्टम से मिलेगी जानकारी, आपके घर कब पहुंचेगी कूड़ा गाड़ी ,बताएगा AI वाला ट्रैकिंग सिस्टम

विभाग ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर एक नई तकनीक की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अब शहरों में चलने वाले…

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विभाग ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर एक नई तकनीक की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अब शहरों में चलने वाले कूड़ा उठाने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए एआई पर आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। ये सिस्टम अभी ट्रायल फेज में है लेकिन विभाग को भरोसा है कि इसके जरिए पूरे सिस्टम में पारदर्शिता आ पाएगी।

जानकारी के मुताबिक इस नई तकनीक में हर गाड़ी में जीपीएस डिवाइस लगेगी। जिससे पता चल सकेगा कि गाड़ी कहां है। कौन से वार्ड में गई है और कितनी देर वहां रुकी है। ये सारी जानकारी एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए सीधे विभाग तक पहुंचेगी। जिससे न सिर्फ गाड़ियों की रफ्तार और लोकेशन की जानकारी मिल पाएगी बल्कि यह भी देखा जा सकेगा कि कूड़ा उठाने का काम सही तरीके से हो रहा है या नहीं।

शहरी विकास विभाग के अपर निदेशक ललित नारायण मिश्र का कहना है कि फिलहाल शुरुआत नगर निगम क्षेत्रों से की जा रही है। जहां सबसे ज्यादा कूड़े की समस्या है। सिस्टम पूरी तरह से एक्टिव होने के बाद हर वार्ड की जानकारी एक डैशबोर्ड पर दिखेगी। किस इलाके में कितनी बार गाड़ी गई। कौन ड्राइवर था। गाड़ी का रूट क्या रहा। ये सब डेटा रिकॉर्ड होगा।

विभाग की मानें तो इस तकनीक से उन लोगों को भी फायदा मिलेगा जो ऑफिस टाइम में घर पर नहीं रहते या फिर बुजुर्ग लोग जो अकेले रहते हैं। अब उन्हें ये पता चल सकेगा कि उनके घर के पास कूड़ा गाड़ी कब आती है। जिससे उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ेगा और समय रहते कूड़ा दे सकेंगे।

इस सिस्टम के जरिए यह भी देखा जा सकेगा कि किसी गाड़ी में कितना ईंधन खर्च हुआ। वह सही रास्ते पर चली या नहीं। ड्राइवर ने काम पूरा किया या नहीं। यानी अब कूड़ा प्रबंधन सिर्फ कागजों पर नहीं रहेगा बल्कि हर कदम पर नजर रखी जाएगी।

सिस्टम के अंदर एक मास्टर एडमिन रहेगा जो पूरे शहर का संचालन देखेगा। वहीं हर नगर निकाय में एक लोकल एडमिन भी होगा जो अपने इलाके के कूड़ा वाहनों की जिम्मेदारी संभालेगा। कंट्रोल रूम से हर शिकायत को ट्रैक किया जाएगा और जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

इससे विभाग को भी फायदा होगा और जनता को भी। क्योंकि अब न गाड़ियों के रूट में गड़बड़ी हो पाएगी और न ही कोई ड्राइवर लापरवाही कर सकेगा। हर बात रिकॉर्ड होगी। और उस पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।

फिलहाल ये सिस्टम टेस्टिंग मोड में है लेकिन जल्द ही इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस नई तकनीक से शहरों की सफाई व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। और कूड़ा प्रबंधन पहले से ज्यादा बेहतर हो सकेगा।