चमोली में निर्माणाधीन डैम साइट पर भूस्खलन, भारी मलबे में दबे मजदूर, कई अस्पताल में भर्ती

चमोली जिले के जोशीमठ इलाके में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। हेलंग गांव के पास टीएचडीसी की डैम साइट पर काम चल…

चमोली जिले के जोशीमठ इलाके में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। हेलंग गांव के पास टीएचडीसी की डैम साइट पर काम चल रहा था। तभी अचानक ऊपर से पहाड़ का मलबा भरभराकर नीचे आ गिरा। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय साइट पर भारी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। मलबा गिरते ही अफरातफरी मच गई और जो जहां था वहां से भागने लगा। इसी दौरान कई मजदूर मलबे की चपेट में आ गए और घायल हो गए।

जानकारी के मुताबिक यह हादसा उस जगह हुआ है जहां विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का काम चल रहा था। निर्माणाधीन इस डैम के पास 70 से ज्यादा मजदूर मौजूद थे। पहाड़ी दरकते ही बाकी मजदूरों ने शोर मचाकर सबको अलर्ट कर दिया। कई मजदूर समय रहते बच निकले लेकिन कुछ लोग मलबे की चपेट में आकर घायल हो गए।

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव का काम तुरंत शुरू किया गया। सभी घायलों को रेस्क्यू कर नजदीकी अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया। अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक कुल 12 मजदूर घायल हुए हैं। जिनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद वापस कैंप भेज दिया गया है जबकि गंभीर रूप से घायल दो लोगों को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। कुछ अन्य का इलाज पीपलकोटी और टीएचडीसी के अस्पताल में चल रहा है।

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया है कि घटना में किसी की जान नहीं गई है। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त डैम साइट पर लगभग तीन सौ मजदूर थे। जिस जगह लैंडस्लाइड हुआ वहां करीब सत्तर मजदूर काम कर रहे थे। समय पर सतर्कता से ज्यादा बड़ी अनहोनी टल गई है।

बताया जा रहा है कि इन दिनों अलकनंदा नदी को डाइवर्जन टनल से गुजारा जा रहा है। ऐसे में डैम निर्माण क्षेत्र में काम का दबाव ज्यादा था और बड़ी संख्या में कर्मचारी इनटेक टनल के आसपास मौजूद थे। हादसे के तुरंत बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

घायल मजदूरों में उत्तराखंड के अलावा झारखंड बिहार उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल हैं। पीपलकोटी अस्पताल में जिन मजदूरों को भर्ती कराया गया है उनमें उर्गम जोशीमठ टिहरी गढ़वाल झारखंड और लखीमपुर खीरी के निवासी शामिल हैं। अन्य को प्राथमिक इलाज के बाद कैंप में भेज दिया गया है। राहत बचाव का काम अब भी जारी है और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है।