केंद्र सरकार की नई योजना से खुलेगा रोजगार का रास्ता, एक अगस्त से शुरू होगी मुहिम

देश के युवाओं को अब नौकरी पाने के लिए पहले जितनी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने एक ऐसी योजना का ऐलान किया है…

IMG 20250726 193113

देश के युवाओं को अब नौकरी पाने के लिए पहले जितनी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने एक ऐसी योजना का ऐलान किया है जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस नई स्कीम का नाम प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना रखा गया है और इसे पूरे देश में एक अगस्त 2025 से लागू कर दिया जाएगा।

सरकार की मंशा साफ है कि देश के नौजवानों को काम मिले और कंपनियों को अच्छे कर्मचारी। यही वजह है कि इस योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक हिस्सा उन युवाओं के लिए है जो पहली बार नौकरी की दुनिया में कदम रखेंगे। दूसरा हिस्सा कंपनियों के लिए रखा गया है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम पर रखेंगी।

इस स्कीम के तहत अगले दो सालों के अंदर तीन करोड़ पचास लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें से करीब एक करोड़ बानवे लाख लोग वो होंगे जो पहली बार नौकरी करेंगे। सरकार इस योजना पर करीब 99 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

अब अगर कोई पहली बार नौकरी कर रहा है और उसका वेतन एक लाख रुपये से कम है तो उसे सैलरी के साथ-साथ सरकार की तरफ से अलग से मदद मिलेगी। उसे कुल 15 हजार रुपये मिलेंगे जो दो किस्तों में दिए जाएंगे। पहली किस्त छह महीने काम करने के बाद और दूसरी किस्त एक साल की सेवा पूरी करने के साथ ही अगर उसने सरकार के बताए गए वित्तीय ज्ञान के कोर्स को पूरा कर लिया हो तब। ये पैसे सीधे कर्मचारी के खाते में डीबीटी के जरिए जाएंगे और इसमें एक हिस्सा बचत खाते में रखा जाएगा ताकि कर्मचारी बाद में इसे निकाल सके।

दूसरी तरफ अगर कोई कंपनी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में है और वो किसी नए लड़के या लड़की को नौकरी देती है तो उसे भी इनाम मिलेगा। सरकार दो साल तक हर नए कर्मचारी के लिए हर महीने तीन हजार रुपये तक का बोनस देगी। अगर कंपनी लगातार चार साल तक उस कर्मचारी को काम पर रखती है तो यह बोनस तीसरे और चौथे साल में भी जारी रहेगा।

हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें हैं। कंपनी को कम से कम छह महीने तक लगातार दो या पांच नए कर्मचारियों को काम पर रखना होगा। ये इस पर निर्भर करेगा कि कंपनी में कुल कर्मचारी कितने हैं। यानी 50 से कम हैं तो दो और 50 से ज्यादा हैं तो पांच। साथ ही यह भी जरूरी होगा कि कंपनी ईपीएफओ के साथ पहले से रजिस्टर्ड हो।

यह पूरी योजना युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने और कंपनियों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से लाई गई है। सरकार चाहती है कि हर हाथ को काम मिले और देश आगे बढ़े। रोजगार की इस नई पहल से लाखों परिवारों की ज़िंदगी बदलने की उम्मीद जताई जा रही है।