अगर आप पनीर के शौकीन हैं तो अब जरा सतर्क हो जाइए। त्योहारों के आते ही बाजार में नकली पनीर की भरमार हो जाती है। हर कोई जो दिखता है वो असली नहीं होता और जब बात खाने की हो तो फूंक फूंक कर कदम रखना जरूरी हो जाता है। खासकर जब वो चीज सीधा आपकी सेहत पर असर डाल सकती है।
अक्सर देखा गया है कि मिलावटी पनीर खाने में अजीब सा लगता है। ना उसमें दूध जैसी महक होती है और ना ही वो स्वाद जो असली पनीर में महसूस होता है। अगर कभी पनीर खाने पर वो खट्टा लगे या उसमें साबुन जैसा कोई एहसास हो तो समझिए कुछ गड़बड़ है। क्योंकि असली पनीर में हल्की सी मिठास और दूध की सोंधी खुशबू होती है। जबकि नकली पनीर अजीब गंध छोड़ता है और स्वाद भी गड़बड़ करता है।
इसके अलावा पनीर का टेक्सचर भी बहुत कुछ बयां करता है। असली पनीर जब आप हाथ में लेते हैं तो वो हल्का नरम और हल्का सा दानेदार लगता है। दबाने पर जल्दी टूटता नहीं है। लेकिन मिलावटी पनीर या तो ज्यादा सख्त होता है या फिर बेहद चिकना और स्पंजी। मतलब पहली ही पकड़ में फर्क समझ आ जाता है।
एक और तरीका है जिससे असली नकली का फर्क किया जा सकता है। इसे फ्लेम टेस्ट कहा जाता है। पनीर का छोटा टुकड़ा लेकर जब आप उसे धीमी आंच पर रखते हैं तो उसकी सच्चाई सामने आ जाती है। अगर उसमें से जलते वक्त केरोसिन या प्लास्टिक जैसी महक आने लगे तो यकीन मानिए वो पनीर असली नहीं है। जबकि असली पनीर धीरे धीरे भूरा होता है और कोई खास गंध नहीं छोड़ता।
पानी में डालकर भी आप पनीर की असलियत परख सकते हैं। अगर पनीर पानी में घुलने लगे या झाग निकलने लगे तो वह नकली है। असली पनीर ऐसा नहीं करता। वो ना घुलता है और ना ही झाग बनाता है। बस चुपचाप पानी में तैरता रहता है।
तो अगली बार जब आप बाजार से पनीर खरीदें तो इन बातों को याद रखें। सेहत के साथ समझौता बिल्कुल न करें।
यह खबर सिर्फ जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें बताए गए तरीके घरेलू अनुभव और सामान्य जानकारी पर आधारित हैं।
