काशीपुर से सामने आया मामला उत्तराखंड की मंडियों में फैले भ्रष्टाचार की एक और कड़ी बन गया है। मुरादाबाद रोड स्थित नवीन अनाज मंडी में तैनात मंडी समिति के प्रभारी सचिव को उस वक्त विजिलेंस टीम ने धर दबोचा, जब वह दो लाइसेंस फाइलों के एवज में एक लाख बीस हजार रुपये रिश्वत ले रहा था। यह रकम फलों और सब्जियों की आढ़त से जुड़ी दो फर्मों से मांगी गई थी, जो मंडी में व्यापार की अनुमति लेने के लिए आवेदन दे चुकी थीं।
शिकायतकर्ताओं की मानें तो अधिकारी ने हर लाइसेंस के लिए साठ-साठ हजार रुपये सुविधा शुल्क मांगा था। इसकी सूचना जब विजिलेंस हल्द्वानी को दी गई तो टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ पुख्ता योजना बनाई और मौके पर जाकर तय रकम लेते ही उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद मंडी परिसर में खलबली मच गई। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल को भी मौके पर बुलाना पड़ा।
विजिलेंस विभाग ने अपनी ओर से पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत की शुरुआती जांच में आरोप सही पाए गए थे, जिसके बाद जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ने की रणनीति अपनाई गई। अब उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सबसे सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि राज्य में पारदर्शी और ईमानदार शासन देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
