कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान म्यूल से गिरीं मीनाक्षी लेखी, गंभीर चोट के बाद भारत लाई गईं

पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान चोटिल हो गई हैं। यात्रा के दौरान तिब्बत के दारचिन इलाके में वे एक म्यूल…

पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान चोटिल हो गई हैं। यात्रा के दौरान तिब्बत के दारचिन इलाके में वे एक म्यूल से नीचे गिर गईं। जिससे उनकी कमर में गंभीर चोट आई है। इस हादसे के बाद उनकी यात्रा बीच में ही रोक दी गई। और उन्हें वापस भारत लाया गया है।

जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह मीनाक्षी लेखी ने लिपुलेख बॉर्डर पार किया। और फिर गूंजी पहुंचीं। वहां से उन्हें सड़क के रास्ते धारचूला लाया जा रहा है। ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम ठीक न होने की वजह से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करना मुमकिन नहीं हो सका। इसलिए उन्हें जमीनी रास्ते से ही निकाला जा रहा है।

बताया गया है कि मीनाक्षी लेखी उस दूसरे जत्थे का हिस्सा थीं। जो 14 जुलाई को कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकला था। इस जत्थे में कुल 48 श्रद्धालु शामिल थे। जिनमें मीनाक्षी लेखी समेत 14 महिलाएं भी थीं।

इससे पहले पहला जत्था 10 जुलाई को तिब्बत पहुंचा था। ये जत्था लिपुलेख पास को पार कर 17500 फीट की ऊंचाई से तिब्बत में दाखिल हुआ था। यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालु तकलाकोट दारचिन डेरा फुक जुंगहुई पू और कुगु जैसे स्थानों पर विश्राम करेंगे। साथ ही कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा करेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू करने पर भारत और चीन के बीच हाल ही में सहमति बनी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इसको लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत चीन के रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में लगातार कोशिश कर रहा है। और कैलाश यात्रा की बहाली को देशभर में सराहा जा रहा है।