भारत की पहल पर इंटरपोल ने उठाया बड़ा कदम, पहली बार जारी हुआ सिल्वर नोटिस

भारत ने इंटरपोल से जो गुहार लगाई। उसका असर अब साफ दिखने लगा है। पहली बार इंटरपोल ने भारत की मांग पर सिल्वर नोटिस जारी…

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भारत ने इंटरपोल से जो गुहार लगाई। उसका असर अब साफ दिखने लगा है। पहली बार इंटरपोल ने भारत की मांग पर सिल्वर नोटिस जारी कर दिया है। ये नोटिस उस मामले से जुड़ा है जिसमें फ्रांस के दूतावास में तैनात रहे अधिकारी शुभम शौकीन पर गंभीर आरोप हैं। अब सीबीआई इसकी पूरी तहकीकात में जुट गई है।

ये मामला कुछ वक्त से चर्चा में था। अब इसमें नया मोड़ आया है। इंटरपोल ने एक नहीं बल्कि दो लोगों के खिलाफ सिल्वर नोटिस निकाला है। बताया जा रहा है कि 23 मई को सीबीआई ने दिल्ली में मौजूद एक विदेशी दूतावास में काम कर चुके शुभम शौकीन के खिलाफ नोटिस जारी करवाया है। उन पर वीजा घोटाले का आरोप है। यही नहीं उन्होंने उस दौरान काफी मोटी रकम भी बनाई।

शुभम पर इल्जाम है कि उन्होंने सितंबर 2019 से लेकर मई 2022 तक बहुत से लोगों से लाखों रुपये लेकर शेंगेन वीजा दिलवाया। रकम की बात करें तो एक-एक वीजा के लिए पंद्रह लाख से पैंतालीस लाख रुपये तक वसूले गए। सीबीआई के अफसरों का कहना है कि इस पैसे से शुभम ने दुबई में करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीदी। आंकड़ा करीब पंद्रह करोड़ तिहत्तर लाख रुपये तक का बताया गया है। दुबई में कुल छह संपत्तियां खरीदी गईं।

अब बात करते हैं दूसरे आरोपी की। ईडी के कहने पर सीबीआई ने 26 मई को अमित मदनलाल लखनपाल के खिलाफ दूसरा सिल्वर नोटिस जारी करवाया। अमित पर आरोप है कि उसने एमटीसी नाम की एक डिजिटल करेंसी बनाई। जो भारत में मान्य नहीं है। उसने लोगों को लालच दिया कि इसमें पैसा लगाओ और जबरदस्त मुनाफा मिलेगा। निवेशकों से करीब एक सौ तेरह करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए। लेकिन वक्त आने पर पैसा लौटाया नहीं। उल्टा करोड़ों की रकम हड़प ली।

सीबीआई का कहना है कि अब इंटरपोल के सिल्वर नोटिस की मदद से दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और तेज होगी। सिल्वर नोटिस क्या होता है ये भी समझिए। इसके जरिए किसी भी देश से किसी अपराधी की संपत्ति या उससे जुड़ी जानकारी मांगी जा सकती है। इसमें गाड़ियों से लेकर बैंक खाते और कारोबार तक की डिटेल शामिल होती है। अभी ये नोटिस पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। जिसमें 51 देश शामिल हैं। हर देश को अभी नौ नोटिस जारी करने की इजाजत है। और ये पायलट योजना नवंबर 2025 तक चलेगी।