बंदरों और सुअरों के आतंक से बर्रबाद हो रही खेती को अदरक व हल्दी की खेती देगी संजीवनी,एकीकृत प्राकृतिक संशाधन प्रबंधन ने छह गांवों में वितरित किया 22 कुंतल बीज

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। गोविंद बल्लभ पंत पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत चलाई जा रही परियोजना मध्य हिमालयी क्षेत्रों में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन द्वारा सतत अजीविका सुधार के तहत हवालबाग विकासखण्ड के 6 चयनित गावों (सकार, ग्वालाकोट, ज्यूला, तिलौरा, सकनियाकोट एवं भेवगाड़) में बंजर पड़ी कृषि योग्य भूमि विकास हेतु 12 कुन्तल अदरक एवं 10 कुंतल हल्दी का बीज 203 कृषकों को वितरित किया गया। परियोजना में कार्यरत शोध टीम ने यह पाया है कि अधिकाॅश कृषक बन्दरों एवं जंगली सुअरों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान के कारण खेती करना छोड़ रहे हैं। जिससे कृषि भूमि बंजर हो रही है, इस समस्या को ध्यान में रखते हुए इन चयनित गाॅवों में
बंजर भूमि के विकास हेतु बनाई गयी योजना के तहत इस भूमि का विकास नगदी फसलों (हल्दी एवं अदरक) को उगाकर किया जा रहा है। इन फसलों को बन्दर एवं जंगली सुअर कम नुकसान पहूॅचाते हैं। इस रणनीति के तहत जहाॅ एक ओर बेकार पड़ी बंजर भूमि का कृषिकरण किया जा सकता है वहीं दूसरी ओर नकदी फसलों को बाजार में बेचकर कृषक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। परियोजना के तहत ग्रामीणों को उन्नत किस्म का हल्दी एवं अदरक का बीज दिया जा रहा है तथा नकदी फसलों की खेती को सुचारू करने के लिए ग्रामीणों
को परियोजना के तहत ग्रामीणों को ग्रामीण तकनीकी परिसर में प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। अभी तक परियोजना में लगभग 400 ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा चूका है। परियोजना के तहत पिछले दो वर्षों से चयनित गाॅवों बंजर भूमि के विकास हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं तथा ग्रामीणों बंजर भूमि में नकदी फसलों को उत्पादन करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा परियोजना टीम द्वारा समय-समय पर ग्रामीणों को उन्नत किस्म का बीज देने के अलावा तकनीकी सहायता अलावा तकनीकी सहायता भी प्रदान की जा रही है। वर्ष
2017-18 में सकार गांव के 21 किसानों ने बेकार पड़ी लगभग 2.5 हेक्टयर बंजर भूमि में अदरक एवं हल्दी का उत्पादन कर पुनः कृषिकरण सफलतापूर्वक किया। बीज वितरण के अवसर पर परियोजना पर कार्यरत डा. देवेन्द्र चौहान, डी.एस. बिष्ट, मुकेश देवराड़ी, नरेन्द्र मेहता, गजेन्द्र सिंह, जगदीश भोजक, मनोज बिष्ट एवं महिला हाट संस्था के समन्वयक राजेन्द्र काण्डपाल भी उपस्थित थे।

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