Uttarakhand- केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने ललित शौर्य की रचनाधर्मिता को सराहा

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पिथौरागढ़। बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सीमान्त के बाल साहित्यकार ललित शौर्य ने प्रतिभाग करते हुए अपने विचार साझा किए। शौर्य ने कहा कि बाल साहित्य वर्तमान दौर की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। यह बच्चों के भीतर संस्कार एवं अनुशासन पैदा करता है। प्रत्येक समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं को बाल साहित्य अनिवार्य रूप से प्रकाशित करना चाहिए।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन उपस्थित रहे। मुरलीधरन ने कहा बाल साहित्यकार बहुत महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वह एक नई पीढ़ी को गढ़ते हैं।उन्होंने हिंदी के साथ-साथ स्थानीय बोली-भाषा में भी बाल साहित्य को लिखने की बात कही। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आयोग की वार्षिक रिपोर्ट को साझा किया।

इस अवसर पर बाल साहित्यकार ललित शौर्य ने वी. मुरलीधर को अपनी पुस्तक स्वछता के सिपाही भेंट की। यह पुस्तक स्वच्छता का संदेश देती है। जिसमें बच्चों में स्वछता की समझ विकसित करने वाली कहानियां संकलित है। वी.मुरलीधरन ने शौर्य के रचनाकर्म की प्रशंसा की। साथ ही उन्हें आगे भी श्रेष्ठ साहित्य रचने को कहा। उक्त कार्यक्रम में भारत के साथ-साथ नॉर्वे, मोरिसस, युनाइटेड किंगडम, दुबई समेत अनेक देशों के बाल साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। ललित शौर्य की इस उपलब्धि पर जनपद के तमाम साहित्यकारों में खुशी की लहर है।