नई दिल्ली: बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की है। इसमें टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायतों और शिकायतों के निवारण के लिए एक कानूनी तंत्र उपलब्ध कराया गया है।
वर्तमान में नियमों के तहत कार्यक्रम और विज्ञापनों के लिए संहिताओं के उल्लंघन से संबंधित नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति के माध्यम से एक संस्थागत तंत्र है। इसी तरह विभिन्न प्रसारकों ने भी शिकायतों के समाधान के लिए अपने आंतरिक स्व नियामक तंत्र को विकसित किया है।
इसके बावजूद शिकायत निवारण ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए एक कानूनी तंत्र बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जहां प्रसारण को लेकर शिकायत की जा सके और उसका निवारण किया जा सके। इसमें कुछ प्रसारकों ने अपने संघों, निकायों को कानूनी मान्यता देने का भी अनुरोध किया था।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में दाखिल एक वाद में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित शिकायत निवारण के मौजूदा तंत्र पर संतोष व्यक्त करते हुए अपने आदेश में, शिकायत निवारण तंत्र को औपचारिक रूप देने के लिए उचित नियम बनाने की सलाह दी थी। देश में सूचना और प्रसारण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त 900 से अधिक टेलीविजन चैनल हैं, जिनमें से सभी को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन कोड का पालन करना आवश्यक है।

