समाज की परवाह किए बगैर लिव इन में रहते थे राज बब्बर

मुंबई। 23 जून 1952 को राज बब्बर का जन्म उत्तर प्रदेश के टुंडला में हुआ था। फिल्मों के अलावा राज बब्बर ने राजनीति में भी अच्छा…

6786184f8cfee8c6d5a6a1ccdfff17e3

मुंबई। 23 जून 1952 को राज बब्बर का जन्म उत्तर प्रदेश के टुंडला में हुआ था। फिल्मों के अलावा राज बब्बर ने राजनीति में भी अच्छा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1989 में की थी। फिलहाल राज बब्बर कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर चलिए बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

राज बब्बर ने स्कूली पढ़ाई आगरा के फैज-ए-आलम इंटर कॉलेज से की। अभिनय में रुचि को देखते हुए 1975 में उन्होंने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। दिल्ली में वो कई थियेटर ग्रुप से जुड़े और नाटकों में हिस्सा लेते थे। आगे के करियर के लिए राज बब्बर मुंबई पहुंचे। उनकी पहली फिल्म 1977 में आई ‘किस्सा कुर्सी का’ थी। 

फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ में राज बब्बर के निगेटिव किरदार को सभी ने नोटिस किया। फिल्म में राज बब्बर को जीनत अमान के साथ दुष्कर्म सीन करना था जिसकी वजह से वह काफी घबरा गए थे। राज बब्बर इस बात को लेकर डरे हुए थे कि वो नए हैं और जीनत अमान तब तक बड़ा नाम हो चुकी थीं। 

इस फिल्म के बाद राज को विलेन के रुप में जबरदस्त पहचान मिली। जिसमें ‘जिद्दी’, ‘दलाल’, ‘दाग द फायर’ जैसी फिल्मों में उनके रोल को सराहा गया। 1994 में आई ‘दलाल’ फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ विलेन का पुरस्कार भी मिला। अभिनय के साथ-साथ राज बब्बर अपने रिश्तों को लेकर भी खबरों में रहे हैं। 1975 में राज बब्बर ने नादिरा से शादी की। कहा जाता है कि फिल्म ‘आज की आवाज’ के दौरान राज बब्बर और स्मिता पाटिल के बीच नजदीकियां बढ़ीं। 

कहा जाता है राज,  स्मिता पाटिल के प्यार में इस कदर दिवाने थे कि 80 के दशक में जमाने को अनदेखा कर राज बब्बर, स्मिता पाटिल के साथ लिव-इन में रहने लगे। तब इस बात के लिए राज की काफी में आलोचना भी हुई, लेकिन उन्होंने कभी इसकी परवाह नहीं की। बाद में राज ने स्मिता पाटिल से शादी भी कर ली थी। उसी साल उनके बेटे प्रतीक बब्बर का जन्म हुआ। बेटे को जन्म देने के दो हफ्ते बाद ही 13 दिसंबर 1986 को स्मिता पाटिल का निधन हो गया। स्मिता के निधन के बाद राज फिर से पहली पत्नी नादिरा के पास वापस लौट गए। नादिरा और राज के दो बच्चे जूही और आर्य हुए 

फिल्मों के साथ राज बब्बर की राजनीति में भी काफी रूचि रही है। वह काफी समय से राजनीति में सक्रिय है। समाजवादी पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले राज बब्बर लंबे समय कर पार्टी के स्टार नेता रहें। लेकिन बाद में पार्टी नेताओं से मनमुटाव हो गया। उन्होंने एसपी का दामन छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रेसिडेंट भी रहें।  2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।