नई दिल्ली: फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रिगेशन से सिस्टर लूसी कलप्पुरा की जीवनशैली को लेकर आपत्ति जताते हुए निष्कासित कर दिया था। अब केरल में सिस्टर लूसी की याचिका चर्च ने खारिज कर दी है। सात ही उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया है। रेप मामले में अभियुक्त बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली ननों में से एक सिस्टर लूसी कलप्पुरा भी शामिल थीं। सिस्टर लूसी ने अपनी आत्मकथा में पादरियों और बिशप्स द्वारा यौन उत्पीड़न का जिक्र किया था। उसके बाद उनपर कार्रवाई शुरू हो गई।
हालांकि, दिसंबर 2019 में केरल के वायनाड की एक कोर्ट ने चर्च के कानूनों के उल्लंघन के आरोप में धर्मसंघ से निष्कासित नन लूसी को राहत दी थी। कोर्ट ने सिस्टर लूसी के निष्कासन पर जनवरी 2020 तक रोक लगा दी थी। सिस्टर ने फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रिगेशन ने नन लूसी को अगस्त 2019 में ही हटा दिया था। लूसी ने निष्कासन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि बिना उनका पक्ष सुने ही उन्हें धर्मसंघ से बाहर कर गया था।
सिस्टर लूसी की याचिका खारिज
नई दिल्ली: फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रिगेशन से सिस्टर लूसी कलप्पुरा की जीवनशैली को लेकर आपत्ति जताते हुए निष्कासित कर दिया था। अब केरल में सिस्टर लूसी…

