नैनी सैनी : खट्टे-मीठे अनुभवों के बीच अब उड़ान का इंतजार

Newsdesk Uttranews
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डीजीसीए से एयरोड्रम लाइसेंस मिलने के बाद अब हवाई सेवा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार

कुण्डल सिंह चौहान

पिथौरागढ़। लंबे उतार-चढ़ाव और तमाम खट्टे-मीठे अनुभव के बीच आखिरकार नैनीसैनी एयरपोर्ट से नियमित हवाई सेवा शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। नागर विमानन महानिदेशालय डीजीसीएद ने पिथौरागढ़ की नैनीसैनी हवाई पट्टी से उड़ान शुरू करने के लिए राज्य विमानन विभाग को एयरोड्रम लाइसेंस दे दिया है। इससे लोगों में अब नैनीसैनी से देहरादून और पंतनगर के लिए हवाई सेवा का लाभ जल्द मिलने की उम्मीद जग गई है। हालांकि समाज का एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है जो तब तक नियमित उड़ान को लेकर आश्वस्त नहीं हो पा रहा जब तक कि धरातल चीजें दिखाई नहीं देतीं। यानि नियमित उड़ानें जब शुरू होगी तभी वह इसे जनता के लिए उपलब्धि मानेगा। लोगों के ऐसा मानने की ठोेस वजहें भी हैं, क्योंकि 1993 में बन चुकी इस हवाई पट्टी का पिछले दिनों ही विस्तारीकरण का कार्य पूरा हुआ और उसके बाद भी नियमित उड़ान की आस में लोगों ने कई कड़वे अनुभव महसूस कियेे।

25 सालों में खुद को ठगा महसूस किया लोगों ने

वर्ष 1990 में नैनीसैनी हवाई पट्टी का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। इसके चार साल बाद 1994 में अविभाजित उत्तर प्रदेश के तत्तकालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और तत्कालीन नागरिक उड्यन मंत्री गुलाम नबी आजाद ने समारोहपूर्वक एक बड़े विमान की उड़ान के साथ इस हवाई पट्टी का उद्घाटन किया था। तब कहा गया कि सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के लोगों को बहुत बड़ी सौगात मिल गई है। यहां पर्यटन आदि विकास कार्य तेजी पकड़ेंगे और आम आदमी विकास की मुख्य धारा में आ जाएगा।

1993 में बने नैनीसैनी एयरपोर्ट से नियमित उड़ान को लेकर लोगों ने देखे कई उतार चढ़ाव

वर्ष 1994 में हवाई पट्टी के उद्घाटन के बाद नियमित उड़ानें तो शुरू नहीं हो सकीं। लेकिन हेलीकाॅप्टरों के उतरने-उड़ने का सिलसिला जारी रहा। इन परिस्थितियों में अवरुद्ध हवाई सेवा को लेकर लोग गाहे-बगाहे यह कहने से नहीं चूकते थे कि उत्तराखंड में विकास की गति का मूल्यांकन करना है तो बनकर तैयार हो चुके नैनीसैनी एयरपोर्ट को देखो, जो वर्षों से हवाई सेवा शुरू होने की बाट जोह रहा है। बहरहाल सामरिक महत्व की नैनीसैनी हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए कांग्रेस के पिछले शासनकाल में धन मुहैया हुआ। एक दो महीने पूर्व ही इस हवाई पट्टी के विस्तारीकरण का कार्य पूरा हुआ और यहां से देहरादून व पंतनगर के लिए हवाई सेवा शुरू होने की घोषणा की गई। यहा तक कि किराया भी तय कर दिया गया।

हवाई सेवा के औचपारिक उद्घाटन के बावजूद सेवा नहीं हो पाई शुरू

आर.सी.एस. उड़ान योजना के तहत जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट से देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच सस्ती हवाई सेवा का उद्घाटन इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हरी झंडी दिखाकर किया जाना था, लेकिन किन्ही कारणों से यह कार्यक्रम निरस्त हो गया। इसके बाद 8 अक्टूबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस उड़ान सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। व्यावसायिक तौर पर शुरू की गई पहली उड़ान के 9 सीटर विमान से केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, नैनीताल सांसद व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, मंत्री धन सिंह रावत तथा विधायक पुष्कर सिंह धामी जौलीग्रान्ट से नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुचें। नैनीसैनी पहुंचकर इन नेताओं ने एयरपोर्ट परिसर में ट्रायल लैंडिंग का शुभारंभ किया। और ट्रायल लेंडिग का शिलापट भी लगा दिया गया।

इसे लेकर भी तब लोगों में चर्चा शुरू हो गई कि हवाई सेवा का जब उद्घाटन कर दिया गया तो ट्रायल लैंडिंग के शुभारंभ का क्या मतलब है । हालांकि शुभारंभ के दिन सांसद कोश्यारी, प्रदेश अध्यक्ष भट्ट और विमान सेवा संचालन के लिए नियत कंपनी हैरिटेज एविएशन के सीईओ रोहित माथुर ने दावा किया कि डीजीसीए से लाइसेंस वगैरह सब मिल गया है। इसके बावजूद नियमित हवाई सेवा संचालित नहीं हो सकी। बताया गया कि डीजीसीए के स्तर से हवाई सेवा शुरू करने को लेकर कुछ आपत्तियां हैं, जिनका एक-दो सप्ताह में समाधान कर लिया जाएगा और 24 अक्टूबर दून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। हैरिटेज कंपनी के सीईओ माथुर ने नैनीसैनी में कहा कि 24 अक्टूबर से एक सप्ताह पूर्व टिकटों की आनलाइन बुकिंग शुरू हो जाएगी, उन्होंने जौलीग्रान्ट और नैनीसैनी से विमान के उड़ने और पहुचने का समय भी बता दिया। लेकिन 24 अक्टूबर का दिना आया और चला भी गया लेकिन नियमित हवाई सेवा शुरू होने का दावा हवा-हवाई ही रह गया।

तमाम आलोचनाओं के कारण सरकार काफी दबाब में आ गई। इसी बीच आ रहे निकाय चुनाव के बीच राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि विमान कंपनी को अभी डीजीसीए से कुछ अनिवार्य क्लीयरेंस नहीं मिल पाई है। जबकि राज्य के स्तर से सभी औैपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। बाद में पता चला कि नैनीसैनी हवाई पट्टी के समीप बने चार मकानों के बाधा बनने के कारण डीजीसीए की ओर लाइसेंस ही जारी नहीं किया गया है। इस बीच अक्टूबर अंत में नैनीसैनी हवाई पट्टी में तैनात एटीएस, फायर सर्विस सहित अन्य स्टाफ वापस चला गया।

इस मामले को लेकर सरकार की खासी किरकिरी भी हुई और इसे लेकर वह बैकफुट पर नजर आई। वहीं निकाय चुनाव में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठा । उस समय भाजपा को जवाब देना भारी पड़ गया था। इसके बाद दिसंबर पहले सप्ताह में भगत सिंह कोश्यारी पिथौरागढ़ पहुंचे और बताया कि कुछ मकानों के बाधा बनने के कारण उड़ान शुरू नहीं हो सकी। कहा कि इसके लिए एक बार फिर सर्वे किया जाएगा और भवन स्वामियों से भी बात चल रही है। इसके बाद बाधा बन रहे उन मकानों में उड़ान के अनूकूल रंगों की पुताई भी करवाई गई, लेकिन हवाई सेवा धरातल पर नहीं उतर पाई।

इन सब खट्टे-मीठे अनुभवों के बीच बृहस्पतिवार 27 दिसंबर को खबर आई कि नैनीसैनी हवाई पट्टी से उड़ान शुरू करने के लिए राज्य विमानन विभाग को डीजीसीए का एयरोड्रम लाइसेंस मिल गया है। लाइसेंस मिलने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि नैनीसैनी एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने में अब किसी प्रकार की बाधा नहीं रह गई है। लाइसेंस मिलने के बाद अब लोगों को उम्मीद बंध गई है कि जल्द ही पिथौरागढ़ से नियमित उड़ान शुरू हो जाएगी, लोगों को अब बेसब्री से इसका इंतजार है। अब देखना यह है कि सोर घाटी के लोगों की यह मुराद कब पूरी होती है।

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