पिथौरागढ़ में कल से हो रही सेना भर्ती के लिए जा रहे युवाओं को लोहाघाट में लगा ब्रेक

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24 घंटे से कर रहे वाहनों का इंतजार, अतिरिक्त किराया देकर पहुंचे हैं लोहाघाट तक

बोले काली कुमाऊं में आवागमन के नहीं हैं पुख्ता इंतजामात

ललित मोहन गहतोड़ी

चम्पावत। काली कुमाऊं के लोहाघाट बस स्टेशन में यूपी के मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर, इटावा, औरैया, मेनपुरी और कानपुर से पिथौरागढ़ भर्ती में जा रहे युवाओं को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। जो भी बस या टैक्सी वाहन इन युवाओं के सामने से गुजर रहा है उसे हाथ देते पिथौरागढ़-पिथौरागढ़ चिल्लाते हुए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। इन युवाओं का कहना है कि इन्हें घर से निकले चार दिन हो गए हैं। लेकिन अभी तक यह लोग मंजिल तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।

बताते चलें 27 नवंबर से पिथौरागढ़ में सेना में भर्ती के लिए युवाओं को बुलाया गया है। इस भर्ती रैली में शामिल होने के लिए आ रहे युवाओं का कहना है कि उन्हें टनकपुर से यहां तक पहुंचने के लिए 400 से 500 रुपए तक खर्च करने पड़े हैं। बावजूद इसके टैक्सी वालों ने उन्हें पिथौरागढ़ छोड़ने के बजाय लोहाघाट में उतार दिया। उनका कहना है कि यहां से अभी 63 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ पहुंचना है। जो भी वाहन मैदानी इलाकों से आ रहे हैं। उनमें पांव रखने की जगह नहीं। कल पूरे दिन उन्हें लोहाघाट रोडवेज स्टेशन में वाहनों के इंतजार में भटकना पड़ा है। इन युवाओं में रोहित छोकर, राहुल, अमन मेरठ, संदीप पाण्डेय बुलंदशहर, श्याम चौधरी, सूरज पाल सिंह, धर्मेंद्र चौधरी अलीगढ़, जीतू इटावा, विपिन औरंगाबाद, अंकित यादव कानपुर आदि शामिल हैं। इन युवाओं का कहना है कि पहाड़ में यातायात के साधनों की कमी और वाहनों में ओवररेटिंग से वह खिन्न हैं। इन युवाओं को मंगलवार होने वाली भर्ती में शामिल होना है। और यह युवा लोहाघाट में वाहनों के इंतजार में कल से खड़े-खड़े परेशान हैं। सैकड़ों की संख्या में यह युवा वाहनों की तलाश में जगह जगह भटकने को मजबूर हैं। खबर लिखे जाने तक वाहनों के पीछे दौड़ते-भागते जिसे जगह मिल रही वह तो चला जा रहा लेकिन जो पीछे छूट रहा वह भटकने को मजबूर है।