अल्मोड़ा। जिले के कई शिक्षकों को सालों बाद पदोन्नति का लाभ मिला, लेकिन इसमें कई शिक्षक प्रमोशन लेने को तैयार नहीं है। इसके पीछे कई वजह सामने आ रही है।
दरअसल, शासन स्तर से 23 जुलाई को सामान्य व महिला शाखा के कुल 347 शिक्षकों की प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति की सूची जारी की गई थी। जिसके बाद अल्मोड़ा के 29 स्कूलों को हेडमास्टर मिलने की आश जग चुकी थी। लेकिन पदोन्नत हुए शिक्षकों में अधिकांश शिक्षक प्रमोशन का लाभ लेने के इच्छुक नहीं है।
अल्मोड़ा समेत अन्य कई अलग-अलग जनपदों के 29 शिक्षकों को जिले के अलग-अलग स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण करना था। लेकिन केवल 9 शिक्षकों ने ही हेडमास्टर के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। जिसमें सामान्य शाखा के 8 व महिला शाखा की एक शिक्षिका शामिल है। जबकि 20 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पदोन्नत होने के 15 दिन बाद भी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। ऐसे में यह पद फिर से रिक्त हो गए है।
शिक्षकों के प्रमोशन नहीं लिए जाने के पीछे जो प्रमुख वजह सामने आ रही है वह कई शिक्षकों के रिटायरमेंट नजदीक होना बताया जा रहा है। हालांकि, दुर्गम श्रेणी का स्कूल होने के चलते भी कार्यभार ग्रहण न करने का कारण माना जा रहा है।
प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद ने कहा कि संभवत: किसी शिक्षक ने समयवृद्धि के लिए अपना आवेदन किया हो इस पर भी विचार किया जा सकता है। समयवृद्धि मिलने पर वह भविष्य में कार्यभार ग्रहण कर सकता है।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा कि शिक्षा विभाग में नियमित रूप से प्रमोशन नहीं होने के कारण यह परिस्थितियां उत्पन्न होती है। कई सालों बाद शिक्षक के प्रमोशन किए जाते है लेकिन तब तक अधिकांश शिक्षक रिटायर्ड की कगार पर पहुंच चुके होते है। जिस कारण छात्र व शिक्षक दोनों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। नियमित रूप से प्रमोशन करने से ही इन परिस्थितियां का सामाधान होगा।
बताते चले कि वर्तमान में सामान्य शाखा में प्रधानाध्यापक के स्वीकृत 83 पदों में से 57 पद रिक्त चल रहे है जबकि महिला शाखा में स्वीकृत 14 पदों में से 13 पद रिक्त चल रहे है।