बरसात के बाद गर्मी और उमस की वजह से सांप बिलों से बाहर आ जाते हैं जिसके बाद यह खतरा बन जाते हैं। 24 घंटे में 12 लोगों को सांप के डसने की खबर सामने आ रही है। मेडिकल कॉलेज में 10 लोगों का उपचार कर घर भेज दिया गया, 2 का इलाज चल रहा है।
सुबह के बाद शाम और रात तक काफी बरसात होने की वजह से गर्मी और उमस बढ़ गई जिसकी वजह से सांप बिलों से बाहर निकल आए और खेत, रास्ते और कच्चे मकान तक पहुंच गए। सांप गर्मी से व्याकुल होकर और असुरक्षा की भावना की वजह से आसपास गुजर रहे या बैठे हुए लोगों को डस रहे हैं।
मंगलवार दोपहर से बुधवार दोपहर तक 24 घंटे में मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में 12 लोग सर्प दंश के लाए गए। इनमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो सांप के डसने के बाद पीड़ित व्यक्ति को इधर-उधर झाड़-फूंक के प्रयास में भी रहे।
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. माधवेंद्र ने बताया कि गर्मी और उमस के चलते सर्प बिल से बाहर आ रहे हैं। हमारे पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक अपने यहां के 80 प्रतिशत सर्प विषविहीन होते हैं।
10 से 20 प्रतिशत सर्प ऐसे होते हैं जो इंसान को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध हैं। अभी तक कोई भी सर्पदंश का शिकार मरीज एएसवी की कमी की वजह से नहीं लौटा है।
सर्प डस ले तो क्या करें
डॉ. माधवेंद्र के अनुसार सर्प अगर डस ले तो घबराएं नहीं बल्कि सावधानी से काम लें। जहां सांप ने डसा है उस जगह को अच्छे साफ पानी से धोएं। किसी प्रकार के ब्लेट आदि से उस जगह पर चीरा न लगाएं। इसके अलावा उस जगह के आसपास कसकर भी न बांधे। इतना करने के बाद सबसे पहले अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जिससे कि सही समय पर उपचार हो सके और मरीज की जान बचाई जा सके। किसी प्रकार की झाड़-फूंक करने वाले लोगों के पास मरीज को न ले जाएं, देरी जानलेवा हो सकती है।
मेडिकल कॉलेज के अलावा सभी 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 36 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है। सभी को 20-20 वायल उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग मरीज को सीधे मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचते हैं। कभी-कभी इसमें देरी होने पर जान का खतरा बन जाता है।
