अल्मोड़ा, 10 अगस्त 2021
पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने अल्मोड़ा में पेयजल आपूर्ति के लिये बनाये गये इंटकवैल की एसआईटी जांच की मांग की है।
यहां जारी एक बयान में पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि स को जारी एक बयान में अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। लोग पानी के लिए त्राहि—त्राहि कर रहे हैं और प्रदेश सरकार,स्थानीय विधायक,स्थानीय सांसद तथा जल संस्थान के अधिकारी पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं।
पूर्व विधायक तिवारी ने कहा कि करोड़ो रूपये की कीमत से बना इंटकवेल सफेद हाथी साबित हो रहा है। और कांंग्रेस पार्टी एवं स्थानीय लोग एसआईटी जांच की मांग कर रहे है। कहा कि अभी तक इस एसआईटी जांच का प्रारम्भ ना होने से स्पष्ट है कि इस इंटकवैल के निर्माण में अनियमितता हुई हैं। तिवारी ने उन्होंने तत्काल इस इन्टकवैल के निर्माण की और कार्यदायी संस्था की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
पूर्व विधायक तिवारी ने कहा कि स्थानीय विधायक भी जल संस्थान के अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए आदेशित नहीं कर पा रहे है।कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते स्थानीय विधायक ने जल संस्थान के आला अधिकारियों को सख्त लहजे में आदेशित करना चाहिए। तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि स्थानीय विधायक ने अफसरशाही के आगे घुटने टेक दिये हैं। तिवारी ने कहा कि डबल इंजन सरकार का हल्ला करने वाली इस भाजपा सरकार में जब जल संस्थान के अधिकारियों पर ही भाजपा के विधायक का बस नहीं चलता और भाजपा विधायक जब अल्मोड़ा की जनता को पेयजल ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि इंटकवैल बनने के बावजूद भी मटमैला पेयजल जनता को जल संस्थान उपलब्ध करवा रहा है तो क्यों जल संस्थान के अधिकारी और स्थानीय विधायक इस पर भी आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं?
पूर्व विधायक तिवारी ने राज्य के मुख्यमंत्री से इंटकवैल की एसआईटी जांच कराने और साथ ही कार्यदायी संस्था सहित इंटकवैल बनाने वाले ठेकेदार को भी इस जांच में शामिल किये जाने की मांग की। आरोप लगाते हुए कहा कि करोड़ो से बने इस इंटकवेल निर्माण में करोड़ो की धनराशि की बंदरबांट हुई है। सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कि प्रदेश सरकार इस इंटकवेल की एस आईटी जांच से लगातार बच रही है और इससे लगता है कि इंटकवेल निर्माण में भारी अनियमितता हुई हैं और प्रदेश सरकार अपने चहेतों को बचाने का काम कर रही है। तिवारी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इंटकवेल की एसआईटी जांच नहीं कराती है तो मजबूरन कांंग्रेस पार्टी स्थानीय विधायक, प्रदेश सरकार और जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन पर मजबूर होगी।