आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक जवान औरत को उसके छोटे बेटे के साथ पूरे दस दिन तक एक अंधेरे कमरे में बंद रखा गया। कमरे में न खाने को कुछ था न पानी दिया गया। बिजली तक काट दी गई थी और टॉयलेट जाने की भी इजाज़त नहीं थी। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि उस महिला ने अपने देवर के साथ गलत संबंध बनाने से साफ इंकार कर दिया था।
मामला तब सामने आया जब 25 साल की महिला ने अपने ससुराल वालों की गंदी मांग का विरोध किया। उसकी शादी दो साल पहले रंजीत नाम के युवक से हुई थी। जानकारी के मुताबिक ससुर सास और ननद लगातार उस पर देवर प्रवीण को खुश रखने का दबाव डाल रहे थे ताकि घर में लड़का पैदा हो सके। प्रवीण की शादी को करीब आठ साल हो चुके थे लेकिन उसका कोई बेटा नहीं था।
जब महिला ने यह बात मानने से मना किया तो उसका उत्पीड़न और बढ़ा दिया गया। उसे उसके छोटे बेटे के साथ एक अंधेरे कमरे में कैद कर दिया गया। न वहां रोशनी थी न पानी न ही खाने का कोई इंतज़ाम। उसे बाथरूम तक जाने की इजाज़त नहीं दी गई। यह खौफनाक कैद पूरे दस दिन तक चली। मामला तब उजागर हुआ जब शिकायत स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन तक पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मां बेटे दोनों को छुड़ाया और ससुराल पक्ष के तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया।
