दिसंबर की दस्तक के साथ उत्तर भारत में ठंड में बढ़ोतरी, कई इलाकों में शीत लहर का कड़ा असर शुरू

दिसंबर की शुरुआत होते ही सर्दी ने अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। इस साल की ठंड को लेकर मौसम विभाग ने साफ…

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दिसंबर की शुरुआत होते ही सर्दी ने अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। इस साल की ठंड को लेकर मौसम विभाग ने साफ कहा है कि दिसंबर से फरवरी तक उत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिण के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से कम रहेगा। दिन में धूप कम असर दिखाएगी और रातें और ज्यादा ठंडी महसूस होंगी।

आईएमडी के मुताबिक मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर और पूर्वी महाराष्ट्र तक, गुजरात के कई इलाकों से लेकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक, राजस्थान के पूर्व और दक्षिणी हिस्सों से लेकर पश्चिमी और दक्षिणी यूपी और तेलंगाना तक इस बार ठिठुरन ज्यादा रहने वाली है। इन जगहों पर दिन और रात दोनों का तापमान औसत से नीचे दर्ज होने की संभावना है। इसके साथ ही चार से पांच अतिरिक्त ठंड वाले दिन इस बार देखने को मिल सकते हैं।

आम तौर पर दिसंबर से फरवरी के बीच इन राज्यों में चार से छह दिन कोल्ड वेव चलती है लेकिन इस बार यह अवधि बढ़कर आठ से ग्यारह दिन तक पहुंच सकती है। पूर्वोत्तर भारत में भी कोल्ड वेव के दिनों में बढ़ोतरी की चेतावनी दी गई है। दिसंबर में भी तापमान सामान्य से नीचे ही रहने के संकेत हैं। इस महीने में एक से तीन अतिरिक्त ठंड वाले दिन और जुड़ सकते हैं जिससे कुल मिलाकर तीन से छह दिन तक कोल्ड वेव की स्थिति बन सकती है। इस साल ठंड की पहली लहर सामान्य से जल्दी दिखाई दी थी और पश्चिमी, मध्य और पूर्वी इलाकों में इसका असर साफ दिखा था।

नवंबर के आठ से अठारह तारीख के बीच राजस्थान के उत्तर पूर्वी हिस्सों, हरियाणा के दक्षिणी जिलों, मध्य प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों, यूपी के दक्षिणी भागों और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में कोल्ड से लेकर सीवियर कोल्ड वेव जैसी स्थिति रिकॉर्ड की गई थी। इसके अलावा पंद्रह और बीस नवंबर को महाराष्ट्र के उत्तर आंतरिक इलाकों में भी इसी तरह की ठंड देखने को मिली थी।

मौसम विभाग के अनुसार कोल्ड वेव तब घोषित की जाती है जब मैदानी इलाकों में रात का तापमान दस डिग्री या उससे कम हो जाए और यह सामान्य से चार दशमलव पांच से छह दशमलव चार डिग्री नीचे पहुंच जाए। पहाड़ी इलाकों में यह सीमा शून्य डिग्री या इससे कम होती है।

बढ़ती ठंड बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार लोगों के लिए परेशानी बढ़ा सकती है। घना कोहरा सुबह के समय दृश्यता घटा सकता है जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। लंबे समय तक बनी ठंड खेती और दिहाड़ी मजदूरी जैसे कामों पर भी असर डाल सकती है क्योंकि इन कामों पर मौसम का सीधा प्रभाव पड़ता है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया है कि दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक मध्य भारत, उत्तर पश्चिम भारत और प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में रात का तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहेगा। हालांकि पूर्वोत्तर भारत और हिमालय के करीब वाले इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर भी जा सकता है। विभाग ने यह भी कहा है कि दिसंबर में उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में कोल्ड वेव की घटनाएं सामान्य से ज्यादा हो सकती हैं।