दिल्ली वालों को बिजली का बिल अब पहले से ज्यादा देना होगा, जिसमें करीब 9 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी तय है। बिजली के बिल में यह बढ़ोतरी बीती 1 मई से जोड़ी जाएगी यानी जुलाई महीने में जिन लोगों को बिजली के बिल मिले हैं, उसमें ये बढ़ोतरी शामिल है।
दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों ने पावर परचेज अडजस्टमेंट चार्ज 8.75 फीसदी तक बढ़ाया है। जिसको देखते हुए बिलों में बढ़ोतरी हुई है। बीआरपीएल, टाटा पावर और एनडीएमसी ने बिजली खपत पर 8.75 प्रतिशत और बीवाईपीएल ने 6.15 प्रतिशत PPAC बढ़ाया है।
PPAC उपभोक्ताओं द्वारा की गई बिजली खपत के आधार पर चार्ज किया जाता है। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ है इसलिए 200 यूनिट तक खपत वालों पर फर्क नहीं पड़ेगा। 201 से 400 यूनिट तक खपत वालों के बिलों में बढ़ोतरी तय है। सबसे ज्यादा असर 400 यूनिट से अधिक खपत वालों पर होगा।
बिलों में बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी ने AAP सरकार को घेरा है। BJP ने कहा कि दिल्ली सरकार की शह पर बिजली वितरण कंपनियों ने पीपीएसी में बढ़ोतरी कर दी, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर बिजली बिल भारी पड़ रहा है। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि 2003 के विद्युत अधिनियम के अनुसार बिजली कंपनियां गर्मियों में महंगी दरों पर बिजली खरीदने के एवज में पीपीएसी 10% तक बढ़ा सकती हैं। बीजेपी अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है कि दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ा दी गई हैं, जबकि ऐसा नहीं है।
