पाकिस्तान से हर तरह का व्यापार पूरी तरह बंद करेंगे , देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वालों को देंगे करारा जवाब

भुवनेश्वर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बड़ा फैसला लिया। बैठक में देशभर के 26…

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भुवनेश्वर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बड़ा फैसला लिया। बैठक में देशभर के 26 राज्यों से आए दो सौ से ज्यादा व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से पाकिस्तान के साथ हर तरह का व्यापार बंद करने का ऐलान कर दिया। CAIT के महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि यह फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में लिया गया है। बैठक में पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का प्रस्ताव पास किया गया।

CAIT के मुताबिक व्यापारियों ने फैसला किया है कि पाकिस्तान को किसी भी तरह का सामान अब निर्यात नहीं किया जाएगा और वहां से आयात भी पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का समर्थन करते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पहले ही कमजोर हो चुका है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में भारी गिरावट आई थी। 2018 में जहां व्यापार का आंकड़ा लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर था वहीं 2024 तक यह घटकर करीब एक अरब बीस करोड़ डॉलर पर आ गया। CAIT के अनुसार अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत ने पाकिस्तान को लगभग पांच सौ मिलियन डॉलर का सामान भेजा जिसमें दवाइयां रसायन चीनी और ऑटो पार्ट्स शामिल थे जबकि पाकिस्तान से आयात महज 0.42 मिलियन डॉलर का हुआ। अब व्यापारियों ने इसे भी पूरी तरह खत्म करने का निर्णय ले लिया है।

बैठक में व्यापारिक नेताओं ने साफ कहा कि शत्रु देश के साथ व्यापार करना अब बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। खंडेलवाल ने कहा कि देश का व्यापारी समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है।

बैठक में यह भी मांग उठी कि त्वरित वाणिज्य और ई-कॉमर्स कंपनियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए। CAIT ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं नकली सामान बेच रही हैं और छोटे व्यापारियों के कारोबार को खत्म करने की साजिश कर रही हैं। संगठन ने सरकार से तुरंत ई-कॉमर्स नीति उपभोक्ता संरक्षण कानून और एफडीआई नीति को सख्ती से लागू करने की मांग भी की ताकि ऑनलाइन कारोबार में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।