भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को एक ठोस जवाब दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि पाकिस्तान से अब कोई भी बातचीत सिर्फ और सिर्फ POK को भारत के कब्जे में लेने के बाद ही संभव होगी। यह लंबित मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को छोड़ने का है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत का यह रुख बहुत पुराना है कि जम्मू कश्मीर से जुड़ी किसी भी समस्या को भारत और पाकिस्तान के बीच ही सुलझाना चाहिए और इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उनका कहना था कि पाकिस्तान के लिए यह जरूरी है कि वह उस क्षेत्र को खाली करे जिसे उसने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
सिंधु जल संधि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत तब तक इस संधि को स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान अपनी सीमा पार आतंकवाद की नीतियों को छोड़ने का ठोस और विश्वासनीय संकेत नहीं देता। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि की शुरुआत अच्छे रिश्तों और सहयोग की भावना से हुई थी, लेकिन पाकिस्तान ने दशकों तक सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को नजरअंदाज किया।
अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों पर बात करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच सैन्य हालात पर चर्चा हुई थी लेकिन किसी भी स्तर पर व्यापार का मुद्दा नहीं उठाया गया। रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को अब समझना चाहिए कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के परिणाम से बचना अब संभव नहीं है। पाकिस्तान जितनी जल्दी यह बात समझे, उतना ही बेहतर होगा।