वोडाफोन आइडिया पर बंद होने का खतरा, करोड़ों यूजर्स की बढ़ी चिंता, क्या बदलना पड़ेगा मोबाइल नेटवर्क

वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया मामले में कंपनी को कोई राहत देने से…

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वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया मामले में कंपनी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने सोमवार को वोडाफोन आइडिया के साथ एयरटेल और टाटा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें इन्होंने बकाया रकम पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने को माफ करने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब वोडाफोन आइडिया के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कंपनी पहले से ही भारी कर्ज में डूबी हुई है और अब जो बकाया है वह उसकी कमाई से कहीं ज्यादा है। हालत यह हो गई है कि अगर सरकार से मदद नहीं मिली तो कंपनी के लिए आने वाला वित्तीय साल पार कर पाना भी आसान नहीं होगा। वोडाफोन आइडिया ने कोर्ट में बताया था कि उसे कुल 45457 करोड़ रुपये चुकाने हैं और मौजूदा स्थिति में उसे सरकार से सहारा नहीं मिला तो कारोबार चलाना नामुमकिन हो जाएगा।

कंपनी की हालत अब इतनी खराब हो चुकी है कि उसके पास खर्च निकालने के लिए भी सीमित संसाधन हैं। वहीं दूसरी ओर एयरटेल और जियो देश के कोने कोने में 5G सर्विस शुरू कर चुके हैं। लेकिन वोडाफोन आइडिया 2022 में स्पेक्ट्रम खरीदने के बाद भी अब जाकर सिर्फ दिल्ली मुंबई पटना और चंडीगढ़ जैसे कुछ शहरों में ही 5G सेवा शुरू कर पाई है।

फिलहाल देशभर में वोडाफोन आइडिया के करीब 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर कंपनी बंद होती है तो इन ग्राहकों का क्या होगा। पहले भी जब टाटा इंडिकॉम एयरसेल और रिलायंस इंडिया मोबाइल जैसी कंपनियां बंद हुई थीं तो उनके ग्राहकों को अपने नंबर किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट कराने का मौका मिला था। उसी तरह अगर वोडाफोन आइडिया का संचालन भी बंद होता है तो ग्राहकों को नया नंबर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अपना पुराना नंबर किसी भी दूसरी कंपनी जैसे एयरटेल या जियो में पोर्ट कर सकते हैं।

सरकार की ओर से यह भी कोशिश हो सकती है कि वोडाफोन आइडिया को पूरी तरह बंद होने से बचाया जाए क्योंकि देश में टेलीकॉम सेक्टर में प्रतियोगिता बनी रहनी जरूरी है। लेकिन अगर हालात नहीं सुधरे तो कंपनी को बंद करना पड़ सकता है और तब करोड़ों ग्राहकों को ऑपरेटर बदलने की जरूरत पड़ेगी।