उत्तरकाशी: यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना के दर्शन खरसाली गांव में स्थित शीतकालीन मंदिर में होंगे। यमुनोत्री के कपाट भैया दूज के दिन विधि-विधान और शुभ मुहूर्त में बंद किए जाएंगे। दशहरे के दिन पुरोहित समाज की बैठक में तय किया गया कि विशाखा नक्षत्र, आयुष्मान योग, धनु लग्न और अमृत वेला के अवसर पर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर यह कार्य संपन्न होगा। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि इस दिन मां यमुना के भाई सोमेश्वर महाराज शनिदेव की डोली अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम रवाना होगी। इस मौके पर मंदिर समिति के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहेंगे।
वहीं गंगोत्री धाम के कपाट छह माह शीतकाल के लिए 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में होंगे। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि नवरात्र के शुभ अवसर पर पंचांग के अनुसार यह मुहूर्त तय किया गया। गंगा जी की विग्रह डोली भोगमूर्ति के साथ आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के बीच मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। 22 अक्टूबर की रात डोली मुखबा गांव से दो किलोमीटर दूर मार्कडेंय मंदिर में विश्राम करेगी और अगले दिन दोपहर में गंगा मंदिर में विधिविधान से छह माह के लिए स्थापित की जाएगी।
