चमोली। उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम से आगे सतोपंथ ट्रेक मार्ग पर फंसे ट्रेकर्स को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर लिया है लेकिन एक ट्रेकर की जान नहीं बचाई जा सकी उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने से मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने मुश्किल और खतरनाक रास्तों से होते हुए ट्रेकर्स को सुरक्षित नीचे लाया और मृतक का शव भी लेकर आई।
जानकारी के अनुसार तीन अक्टूबर को बदरीनाथ थाने को सूचना मिली कि वसुधारा से करीब चार किलोमीटर आगे लक्ष्मीवन क्षेत्र में चार ट्रेकर्स फंसे हैं जिनमें से एक की हालत बहुत खराब है। यह जगह लगभग चार से चार हजार पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर है। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम उप निरीक्षक दीपक सामंत के नेतृत्व में आवश्यक उपकरण और सैटेलाइट फोन लेकर तुरंत बदरीनाथ से घटनास्थल के लिए रवाना हुई।
बताया गया कि बारह सदस्यीय ट्रेकिंग दल सतोपंथ क्षेत्र में गया था। जहां छह ट्रेकर्स पहले ही माणा गांव आ गए थे जबकि बाकी लोग वहीं फंसे रहे। इस दौरान एक ट्रेकर की हालत बिगड़ गई और अन्य उसे नीचे नहीं ला पाए। ऐसे में उन्होंने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम तत्काल पहुंची। दुर्गम रास्तों और कठिन परिस्थितियों में कड़ी मेहनत के बाद टीम ने एक ट्रेकर का शव सतोपंथ से स्ट्रेचर में लेकर लक्ष्मीवन और वहां से माणा गांव तक सुरक्षित पहुंचाया जबकि अन्य लोग भी सुरक्षित रेस्क्यू किए गए।
मृतक ट्रेकर का नाम सुमंता दा पुत्र सुसांता दा निवासी बराड्रोन दक्षिण २४ परगना पश्चिम बंगाल है। उधर केदारनाथ से ऊपर वासुकी ताल ट्रेक पर भटके हरियाणा के जय प्रकाश और उसके साथी देर रात तक वापस नहीं लौटे। उनके साथियों ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम रात में पहुंचकर युवक को सकुशल रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे लाया।
