उत्तराखंड पेपर लीक मामले में हुआ बड़ा खुलासा, परीक्षा केंद्र पर चल रहा था खालिद का मोबाइल डाटा

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नकल और पेपर लीक की वजह से अब सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। नकल माफिया…

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नकल और पेपर लीक की वजह से अब सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। नकल माफिया हाकम सिंह सहित करीब 82 आरोपियों को जेल भेजा गया है। इसके बाद सरकार ने प्रदेश में सख्त नकल कानून बनाया लेकिन बड़ी परीक्षाओं के द्वारा संसाधन उपलब्ध कराने का काम नहीं किया।

हाल ही में 21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय स्नातक की परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था को खराब बताते हुए बताया गया कि खालिद परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले गया था और इंटरनेट परीक्षा शुरू होने के बाद भी 11:30 तक चल रहा था । एसटीएफ उत्तराखंड ने जब परीक्षा केंद्र के आसपास लगे टावर से काल डिटेल व इंटरनेट का डाटा संबंधित कंपनियों से मंगवाया तो इस बात की जानकारी मिली।


इसके बाद भी परीक्षा को बिना किसी दिक्कत के संपन्न करने के लिए बायोमेट्रिक पर जैमर लगाने वाले कर्मचारी 400 से ₹500 की दिहाड़ी पर लाए गए थे बताया जा रहा है कि कर्मचारी कोई दसवीं तो कोई 12वीं पास है। इन्हें बायोमेट्रिक व जैमर लगाने का प्रशिक्षण भी यू ट्यूब पर दिया गया जबकि इसकी तकनीकी जानकारी नहीं दी गई।


परीक्षा केंद्र पर लगाए गए जैमर भी ऐसे थे कि कई जैमर में तो प्लग ही नहीं था और जैमर के तार ऐसे ही लगे हुए थे जो की हवा के झोंके से हिलकर बाहर आ रहे थे। अब जांच शुरू हुई तो यह भी बात सामने आई है कि कई परीक्षा केन्द्र में तो जैमर लगे ही नहीं थे


हरिद्वार स्थित बहादुरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कालेज से पेपर लीक होने के बाद अब अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस जांच में बायोमेट्रिक, जैमर लगाने वाली कर्मियों के साथ-साथ केंद्र का स्टाफ भी पुलिस की रडार पर है। जिस कक्ष में मुख्य आरोपित खालिद पेपर दे रहा था, उसमें जैमर लगा ही नहीं था। हालांकि, अभी तक जैमर न लगाने को लेकर पुलिस किसी भी कर्मचारी को आरोपित नहीं बना पाई है।


पेपर लीक प्रकरण में जांच के लिए बनाई गई एसआइटी मुख्य आरोपित खालिद व उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं, पेपर साल्वर असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन परीक्षा केंद्र में तैनात दो पुलिसकर्मी व सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में हरिद्वार में तैनात ग्राम्य विकास अभिकरण के जिला परियोजना निदेशक एनके तिवारी को निलंबित किया जा चुका है।