देहरादून में दिल्ली धमाकों के बाद सुरक्षा को लेकर हलचल तेज हो गई है। उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी है और इसी वजह से गृह सचिव ने पूरे राज्य की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की है। बैठक में ये साफ कहा गया कि पर्यटन स्थलों धार्मिक स्थानों और सरकारी संस्थानों की निगरानी किसी भी हाल में ढीली नहीं पड़नी चाहिए।
दिल्ली में हाल ही में हुए धमाके ने उत्तराखंड सरकार को अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर मजबूर कर दिया है। गृह सचिव शैलेश बगौली ने सचिवालय में बड़ी बैठक की जिसमें जिलाधिकारियों पुलिस कप्तानों और वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूद रहकर राज्य की सुरक्षा को लेकर स्थिति बताई। बैठक में पर्यटन क्षेत्रों धार्मिक जगहों बॉर्डर इलाकों और सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
गृह सचिव ने कहा कि दिल्ली जैसी घटनाएं साफ चेतावनी देती हैं कि सतर्कता कम नहीं होनी चाहिए। उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती और पर्यटन वाले राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा होना बेहद जरूरी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि राज्य की सभी सीमाओं पर सघन चेकिंग लगातार चली रहे और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खास सतर्कता रखी जाए ताकि कोई संदिग्ध व्यक्ति या वाहन बिना जांच राज्य में न घुस सके।
पर्यटन सीजन को देखते हुए देहरादून मसूरी नैनीताल हरिद्वार ऋषिकेश चमोली और पिथौरागढ़ जैसे इलाकों में चेकिंग को और तेज करने को कहा गया है। धार्मिक स्थानों खासकर हरिद्वार के घाटों मंदिरों चारधाम मार्ग और बड़े तीर्थ स्थलों की सुरक्षा में किसी तरह की कमी न रहे यह भी निर्देश दिए गए। गृह सचिव ने कहा कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग राज्य में आते हैं इसलिए सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है।
सभी जिलों को सीसीटीवी व्यवस्था को मजबूत करने और उसकी चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बस स्टैंड रेलवे स्टेशन बाजार और सरकारी संस्थानों जैसे संवेदनशील स्थानों को भी सीसीटीवी कवरेज में लाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरों की स्थापना तेजी से पूरी करने को कहा गया है ताकि संदिग्ध वाहनों की निगरानी तुरंत की जा सके।
बैठक में गृह सचिव ने साफ कहा कि राज्य के लोगों और यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को यह निर्देश दिए गए कि सुरक्षा मजबूत करने के लिए अगर अतिरिक्त स्टाफ या तकनीकी साधनों की जरूरत पड़े तो तुरंत शासन को जानकारी भेजी जाए। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि सुरक्षा मानकों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की खबर बिना देर किए पुलिस तक पहुंचाएं।
