उत्तराखंड के सभी सरकारी कर्मचारियों को 15 दिसंबर तक अपने संपत्ति के बारे में सारी जानकारी देनी होगी। सचिव कार्मिक ने सभी विभागों उपक्रमों व निगमो को इस संबंध में पत्र भेज दिया है।
शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है जिसमें हाई कोर्ट के निर्देश के बाद संपत्ति की जानकारी देने के बारे में आदेश दिए गए हैं। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों उपक्रमों निगमो के अधिकारियों और कर्मचारियों को 15 दिसंबर तक अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा देना होगा।
इसके लिए सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने सभी को उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 के अनुपालन के निर्देश जारी किए हैं।
सचिव कार्मिक ने एक पत्र जारी किया है और इस पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित रिट याचिका में न्यायालय की ओर से दिए गए निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 के नियम-2 (ग) में वर्णित कर्मचारी के परिवार के सदस्य की परिभाषा और नियमावली के नियम 22 में चल, अचल व बहुमूल्य संपत्ति क्रय किए जाने एवं संपत्ति की घोषणा करनी होगी।
शासन के इस आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया। आपको बता दे कि इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। सभी को नियुक्ति के समय की और मौजूदा संपत्ति का ब्योरा देना होगा। कार्मिकों को नियमित रूप से पांच साल के भीतर संपत्ति में हुई बढ़ोत्तरी की भी जानकारी देनी होगी।
इसके साथ ही कर्मचारी और अधिकारियों को अपने संपत्ति के साथ ही पति-पत्नी, आश्रित मां, पिता, बेटा, बेटी या अन्य आश्रित रिश्तेदारों की संपत्ति का बुरा भी देना पड़ेगा।
सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों और सचिवों को हर हाल में तय समय के भीतर ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद कई अधिकारियों, कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी भी है।
