उत्तराखंड में धामी सरकार का कैबिनेट विस्तार होने वाला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस बारे में संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली में मिले थे जिसके बाद इसको लेकर चर्चाएं तेज हो रही है। प्रदेश में लंबे समय से मंत्रिमंडल की पांच सीटे खाली है जिसमें विधायकों को शामिल होना है।
ऐसे में यह पता है कि पांच विधायकों की तो लॉटरी लगने वाली है जिसके लिए दावेदार को गढ़वाल, कुमांउ, मैदान समेत सारे समीकरणों के फॉर्मूले में फिट बैठना होगा। जिसकी लिस्ट दर्जनभर से अधिक मानी जा रही है।
राज्य कैबिनेट में पांच पद खाली है। इसमें चार पद काफी लंबे समय से खाली हैं जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। सीएम धामी के पास भी वित्त समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसके साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिग्गजों का भी दबाव लगातार बढ़ रहा है।
इसको देखते हुए धामी सरकार ने मंत्रिमंडल का विस्तार करना तय कर दिया है। दिल्ली दौरे के बाद देहरादून लौटकर आए मुख्यमंत्री धामी ने यह स्वीकार किया कि हाई कमान से इसको लेकर चर्चा हुई है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि हाल ही में दिल्ली में मुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश प्रभारी संगठन मंत्री और सभी सांसदों के बीच इस विषय पर चर्चा भी हुई थी।
बीते दिनों से लगातार मीडिया में इन सभी प्रकरणों को लेकर चर्चा भी हो रही है। सांसदों की नाराजगी और नाराज विधायकों की लामबंदी की भी लगातार शिकायतें सामने आ रही थी। ऐसे में साफ है कि कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसमें गढ़वाल, कुमांउ, मैदान समेत सभी समीकरणों को साधने की चुनौती है।
कैबिनेट में जिन चेहरों को शामिल करने की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें खजानदास, मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, बंशीधर भगत, विशन चौफाल, राम सिंह कैडा समेत अन्य नाम शामिल हैं।
