उत्तराखंड। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद अब उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। राज्य सरकार ने तमिलनाडु और राजस्थान में बने कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेथोरफेन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप की प्रदेशभर में बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है। सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि इन सिरपों को मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों से सील किया जाए और वापस मंगाया जाए।
अपर आयुक्त ने बताया कि राज्य में छापेमारी अभियान लगातार जारी है। अब तक कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की फैक्ट्रियों, मेडिकल स्टोर्स और सरकारी अस्पतालों से 49 सैंपल लेकर जांच को भेजे जा चुके हैं। सभी कंपनियों के कफ सिरप की जाँच की जा रही है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से बड़े बच्चों के सिरप की भी जांच की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि एफडीए को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिबंधित सिरप बिकने न पाएँ।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के मामलों के बाद केंद्र सरकार ने एडवायजरी भी जारी की थी। इसके तहत दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने और चार साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए थे। उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को इस संबंध में अपनी एडवायजरी जारी की और अब इन सिरपों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि बच्चों को कफ सिरप का इस्तेमाल केवल चिकित्सक की सलाह पर ही करें और किसी भी संदिग्ध दवा को तुरंत रिपोर्ट करें।
