देहरादून। उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड राज्य बनाम उमेश कुमार शर्मा और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस नहीं लेगी। सरकार ने एसएलपी मामले में कदम पीछे खींच लिए हैं। न्याय विभाग ने एक आदेश जारी कर याचिका वापस लेने के फैसले को रद्द कर दिया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सरकार की एडवोकेट ऑन रिकार्ड (एओआर) वंशजा शुक्ला को भी सूचना भेज दी गई है।
उपसचिव (न्याय) अखिलेश मिश्रा के माध्यम से जारी पत्र में कहा गया है कि अपर सचिव न्याय के 26 सितंबर 2022 में प्रेषित पत्र के तहत उत्तराखंड राज्य बनाम उमेश कुमार शर्मा और अन्य के मामले में याचिका वापस लेने का निर्णय लिया था। अब जनहित में इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया है। एओआर को एसएलपी के मामले में पूर्व की यथास्थिति के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। यानी, सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी वापस लेने की जो अर्जी दी गई है, उसे वापस ले लिया जाएगा। सरकार न्यायालय में अपना मुकदमा लड़ेगी। अब इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है।
