उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने (पुछड़ी) रामनगर में गरीबों, दलितों और श्रमिकों की बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोक पंच के मुनीश कुमार सहित एक दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
उपपा के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीब मजदूर परिवारों की बस्तियों को ग़ैर-कानूनी तरीके से ध्वस्त कर बेघर कर रही है। इस पूरी कार्रवाई में निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
वर्षों से बसे लोगों को बिना नोटिस, बिना पुनर्वास और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना खुले तौर पर अन्याय और मनमानी है।
पी.सी. तिवारी ने गिरफ्तार सभी नेताओं और महिला कार्यकर्ताओं की फ़ौरन रिहाई की मांग की। साथ ही अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई को तुरंत रोकने की मांग दोहराई।
इसी तरह स्याल्दे में भी मूलभूत सुविधाओं और अपनी खेती बचाने के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर सरकार द्वारा झूठे मुकदमे थोप दिए गए हैं। समस्याओं का समाधान करने के बजाय सरकार जनता के प्रति दमन का रास्ता अपना रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपनी यह दमनकारी और मनमानी कार्रवाइयाँ नहीं रोकती, तो जनता को सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर संघर्ष और आंदोलन छेड़ने के लिए विवश होना पड़ेगा।
