यूपीआई ट्रांजैक्शन के बदल गए नियम, अब 10 अक्टूबर से इस तरह करना होगा पेमेंट

देश में डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। अब यूपीआई से लेनदेन करने वाले…

HDFC Bank's UPI service will be closed for these two days, do your work in advance or else you will face trouble

देश में डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। अब यूपीआई से लेनदेन करने वाले यूजर्स को भुगतान के लिए PIN डालने की जरूरत नहीं होगी।

इसके बजाय वह चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट के जरिए ही अपने ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर पाएंगे। ये नई सुविधा 10अक्टूबर से लागू होने वाली है। यह कदम आरबीआई ने उठाया है जो वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन को अनुमति देते हैं।


NPCI (जो UPI का संचालन करती है) इस फीचर को ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल, मुंबई में प्रदर्शित करने जा रही है। इससे डिजिटल पेमेंट्स और तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नई सुविधा में पेमेंट की ऑथेंटिकेशन (वेरिफिकेशन) भारत सरकार की आधार प्रणाली में दर्ज बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से की जाएगी।

यानी, यूजर्स का चेहरा या फिंगरप्रिंट उनके आधार डेटा से मैच किया जाएगा, जिससे पेमेंट की अनुमति मिल जाएगी।


आपको बता दे कि आरबीआई ने हाल ही में निर्देश जारी किया था कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन के तरीकों का अनुमति दी गई है।


वर्तमान में, हर UPI ट्रांजैक्शन के लिए यूजर्स को 4 या 6 अंकों का PIN दर्ज करना होता है। नई सुविधा लागू होने के बाद, फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट सेंसर के जरिए पेमेंट तुरंत ऑथेंटिकेट हो जाएगा। इससे ट्रांजैक्शन समय घटेगा, सुरक्षा बढ़ेगी, और यूजर अनुभव और सहज होगा।


विशेषज्ञों का कहना है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी, क्योंकि चेहरा या फिंगरप्रिंट किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कॉपी करना मुश्किल है। हालांकि, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए NPCI और UIDAI के बीच मजबूत तकनीकी प्रोटोकॉल अपनाए जाएंगे।