देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक मामला राज्य में युवाओं और सरकारी नौकरी की विश्वसनीयता को गंभीर झटका देने वाला साबित हुआ था। इस प्रकरण ने आयोग की कार्यप्रणाली और सिस्टम की कमियों को उजागर किया जिससे छात्रों और अभ्यर्थियों में गहरा आक्रोश पैदा हुआ। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अब जब परीक्षाओं की तैयारी फिर से शुरू हुई है आयोग ने नए नियम और कड़े इंतजाम लागू कर दिए हैं। हर उम्मीदवार का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है। परीक्षा केंद्र पर पहुंचते ही फिंगरप्रिंट और फोटो से पहचान की जाएगी। इसके साथ ही जूते चप्पल उतारकर पूरी तलाशी ली जाएगी। परीक्षा केंद्रों को पहले दिन ही सैनिटाइज किया जाएगा और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी खुद निगरानी करेंगे। परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल नेटवर्क ब्लॉक करने वाले जैमर लगाए जाएंगे ताकि कोई बाहरी संपर्क या प्रश्नपत्र की चोरी न हो सके।
परीक्षा के दौरान हर केंद्र पर गार्ड्स और पुलिसकर्मी कड़ी निगरानी रखेंगे। किसी भी बाहरी व्यक्ति को बिना अनुमति प्रवेश नहीं मिलेगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले पहुंचना होगा। देर से आने वालों को किसी भी हालत में प्रवेश नहीं मिलेगा। आयोग के सचिव ने कहा कि टीम पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से परीक्षा कराने के लिए तैयार है। जो भी नियम तोड़ेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
