उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 21 सितंबर 2025 को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा (Graduate Level Exam) को निरस्त (Cancelled) कर दिया है। आयोग ने यह फैसला पेपर लीक मामले में जांच रिपोर्ट और जनविश्वास पर पड़े असर को देखते हुए लिया।
💥 सोशल मीडिया पर लीक हुआ था पेपर
21 सितंबर को परीक्षा खत्म होते ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्रों के स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हुए।
जैसे ही मामला सामने आया, आयोग ने तुरंत एसएसपी देहरादून को जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया और मामले की विवेचना शुरू कर दी। इसके बाद सरकार ने 27 सितंबर को इस प्रकरण की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी के नेतृत्व में एक एक-सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था। आयोग की अंतरिम जांच रिपोर्ट 8 अक्टूबर को आई, जिसे UKSSSC ने 11 अक्टूबर को प्राप्त किया।
आयोग का फैसला — “विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी”
UKSSSC के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने कहा, “परीक्षा की गोपनीयता और पारदर्शिता से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। अभ्यर्थियों और आम जनता का विश्वास बनाए रखना हमारे लिए सर्वोपरि है।” इसी आधार पर आयोग ने परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया। साथ ही यह भी कहा गया कि पुनः परीक्षा लगभग तीन माह बाद आयोजित करने का प्रस्ताव है।
🚨 पूरे प्रदेश में बेरोजगारों का आंदोलन
पेपर लीक की खबर सामने आने के बाद पूरे उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं ने आंदोलन छेड़ दिया था। देहरादून के साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में युवाओं ने सरकार और आयोग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। पहले तो सरकार ने इस मामले को पेपर लीक मानने से ही इनकार कर दिया, लेकिन जब मामला देशभर में चर्चा का विषय बना और सरकार की छवि पर असर पड़ा, तब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद देहरादून परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर पहुंचे।
सीएम धामी ने वहीं से CBI जांच की घोषणा की,
जिसके बाद बेरोजगार संगठनों ने आंदोलन को 10 अक्टूबर तक स्थगित करने की घोषणा की थी।
और अब, 11 अक्टूबर को आयोग ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लेकर यह साफ संकेत दे दिया है
कि सरकार को आखिरकार युवाओं के दबाव के आगे झुकना पड़ा।
