यूकेएसएसएससी परीक्षा के दौरान हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादुरपुर जट से प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आने के बाद मामला तूल पकड़ गया। हालांकि सरकार ने इसे पेपर लीक मानने से साफ इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यदि यह पन्ने परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद या नौ दस या साढ़े दस बजे तक बाहर आ जाते तो इसे पेपर लीक कहा जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने साफ कहा कि यह नकल का मामला है और इसके लिए पहले से ही कानून बनाया गया है। अपराधी चाहे कोई भी हो कानून के दायरे में आकर उसे सजा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी के पास प्रश्न पत्र पहुंच गया था तो उसकी जिम्मेदारी थी कि तुरंत पुलिस और प्रशासन को इसकी जानकारी देता लेकिन घंटों तक इसे छुपाकर रखा गया और फिर सोचे समझे एजेंडे के तहत सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से फैलाकर सिस्टम को बदनाम करने की कोशिश की गई।
परीक्षा 21 सितंबर को हुई थी और आरोप है कि सेंटर के तीन कमरों में जैमर नहीं लगे थे। इन्हीं कमरों में बैठा अभ्यर्थी खालिद परीक्षा शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद बाहर निकला और वह पेपर अपने साथ ले गया। वॉशरूम में जाकर उसने पेपर के तीन पन्नों की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेज दी। साबिया ने यह फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजीं। सुमन ने पुलिस को खबर देने के बजाय उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार तक यह मामला पहुंचा दिया। इसके बाद मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया।
पुलिस जांच में साबिया को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपने भाई खालिद का नाम बताया। खालिद फरार हो गया था लेकिन बाद में उसे भी दबोच लिया गया। अभी तक खालिद का मोबाइल पुलिस के हाथ नहीं लगा है जिसमें कई अहम राज छुपे होने की आशंका है।
इस पूरे मामले में अब तक खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित किया गया है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को भी हटाया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार एसएसपी ने परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर एक दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
