गुवाहाटी: हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि असम सरकार राज्य की ओर से वित्त पोषित विशेष योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए चरणबद्ध तरीके से दो बच्चों की नीति लागू करेगी। सरमा ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति असम में सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें हम दो बच्चों की नीति लागू नहीं कर सकते, जैसे कि स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास। लेकिन कुछ योजनाओं में, जैसे अगर राज्य सरकार आवास योजना शुरू करती है तो दो बच्चों का नियम लागू किया जा सकता है। धीरे-धीरे राज्य सरकार की हर योजना में यह लागू की जाएगी।’
मुख्यमंत्री ने उनके माता-पिता के परिवार के आकार के लिए निशाना बनाने को लेकर विपक्ष की आलोचना की। सरमा पांच भाइयों वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘1970 के दशक में हमारे माता-पिता या दूसरे लोगों ने क्या किया इस पर बात करने का कोई तुक नहीं है। विपक्ष ऐसी अजीबोगरीब चीजें कह रहा है और हमें 70 के दशक में ले जा रहा है।’
सरमा ने 10 जून को, तीन जिलों में हाल ही में बेदखली के बारे में बात की थी और अल्पसंख्यक समुदाय से गरीबी को कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर ‘शालीन परिवार नियोजन नीति’ अपनाने का आग्रह किया था। सरमा ने बड़े परिवारों के लिए प्रवासी मुस्लिम समुदाय पर दोष मढ़ा था, जिसपर एआईयूडीएफ समेत विभिन्न हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई थी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने महिला शिक्षा को दी जा रही अहमियत की सराहना की है, जिसका संबंध जनसंख्या नियंत्रण के साथ है। उन्होंने कहा, ‘बदरुद्दीन अजमल ने कल मुझसे मुलाकात की। उन्होंने महिला शिक्षा को हमारी तरफ से दिए जा रहे महत्व की सराहना की।’
