उत्तराखंड के लोगों को इस बार भीषण गर्मी से राहत तो मिल गई है लेकिन बारिश ने सभी की मुसीबत बढ़ा दी है। इस बार मानसून जोरदार अपना असर दिख रहा है। मानसून की सक्रिय होने के कारण पहाड़ से मैदान तक बीते 6 से 7 दिनों में लगातार भारी बारिश हो रही है।
अब बारिश लोगों को परेशानी दी दे रही है। राज्य में भारी बारिश के चलते कई जगह सड़के और हाईवे को बंद कर दिया गया है। पहाड़ी इलाकों से मालवा गिरने की घटनाएं भी सामने आ रही है जिससे लोग अपने घरों में रहने पर मजबूर हो गए हैं।
भारी बारिश से भूस्खलन जलस्तर में वृद्धि
मानसून की भारी बारिश ने पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली बद्रीनाथ जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं को जन्म दिया है। इन घटनाओं ने लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं। इसके अलावा प्रदेश में लगातार भारी बारिश से नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।ऋषिकेश में नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे प्रशासन ने सभी को सतर्कता बरतने के लिए कहा है।प्रशासन ने नदी के आसपास के इलाकों में अनाउंसमेंट कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है ताकि कोई अनहोनी ना हो।
मुख्यमंत्री धामी की सतर्कता निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी जिला अधिकारियों को आपदा कंट्रोल रूम के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी सतर्क रखा गया है। शनिवार देर रात गंगा नदी के किनारे आसपास के इलाकों में अनाउंसमेंट कर लोगों को गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के बारे में जानकारी दी गई उनसे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार को राज्य के 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। इन जिलो में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही सारी तैयारी कर ली है। इस बार मानसून जो कभी राहत का कारण था, मुसीबत बन गया है।
स्थिति की गंभीरता
मानसून की भारी बारिश ने उत्तराखंड की सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कें हाईवे बंद होने से यातायात बाधित हो गया है। लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। पहाड़ों से मलबा गिरने से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं।
प्रशासन की तैयारियां
वहीं प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम भी उठाए हैं। एसडीआरएफ एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं, जरूरत पड़ने पर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
