दिल्ली दरियागंज में इमारत गिरने से तीन लोगों की हुई मौत, परिवार को तंग हाली से उबारने के लिए आए थे यहां

दिल्ली के अंसारी रोड पर जर्जर इमारत गिरने से तीन श्रमिकों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल का माहौल देखकर हर किसी के…

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दिल्ली के अंसारी रोड पर जर्जर इमारत गिरने से तीन श्रमिकों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल का माहौल देखकर हर किसी के आंखों में आंसू आ गए। हादसे में जान बचाकर निकले अन्य श्रमिक अपने साथियों की मौत की खबर सुनकर सदमे में है।

वह अस्पताल परिसर में बार-बार भटकते हुए उन्हें देखने की कोशिश कर रहे हैं।
साथी श्रमिकों की लाशे देखकर उनकी आंखों में आंसू आ रहे हैं। जैसे ही उनकी मौत की खबर उनके परिजनों को मिली वह भी गांव से आ गए और पूरे अस्पताल में चीख पुकार मच गई।

रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आई श्रमिकों का परिवार उजड़ गया। अंसारी रोड में हुए हादसे में तीन परिवारों के चिराग बुझ गए। मूल रूप से बिहार के रहने वाले जुबैर कुछ महीने पहले ही चाचा तौफीक के पास दिल्ली घूमने आया था।

जुबैर की मौसी मेहरून खातून ने रोते हुए बताया कि एक महीने पहले बिहार से जुबैर दिल्ली घूमने आया था। वह कुछ दिन आनंद विहार स्थित उनके घर पर रहा। घटना के 10 दिन पहले वह चाचा के साथ चिड़ियाघर घूमने गया था। उन्होंने कई बार जुबैर को कहा कि गांव में परिवार वाले अकेले हैं तुम घर चले जाओ।


जिस पर जुबैर ने कहा था कि वह कुछ महीने चाचा के साथ काम करके घर जाएगा। अगर जुबैर चला जाता तो शायद आज वो जिंदा होता।
इस हादसे में चश्मदीद इमरान ने बताया की करने वाले तीनों श्रमिक मूल रूप से बिहार के हैं। घर के आर्थिक हालत अच्छी न होने की वजह से वह बिहार से दिल्ली आए थे।

वह इस इमारत में 17 जुलाई से कम कर रहे थे। इमरान ने बताया कि उनके परिवार के कुछ लोग आनंद विहार में रहते हैं और उन्हें लोगों के साथ रह रहे थे लेकिन यहां काम मिलने के बाद ठेकेदार ने कहा कि रोज इतनी दूर से क्यों आओगे यहीं रहकर काम करो।


इमरान की मानें तो वह सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक काम करते थे। हादसे में जान गांवने वाले तौफिक के परिवार में पत्नी निशा बेगम, दो लड़के व दो लड़कियां हैं। पत्नी गांव में रहती है।


परिवार की अच्छी परवारिश के लिए वह दिल्ली आए थे। परिवार में अकेले तौफीक ही कमाने वाले थे। इमरान ने तौफीक के परिवार के लिए सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।