अर्जेंटीना में ड्रग माफिया की दरिंदगी, तीन युवतियों की हत्या के बाद सड़क पर उतरे हजारों लोग, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप

अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जहां हजारों लोग अचानक सड़कों पर उतर आए और तीन युवतियों…

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अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जहां हजारों लोग अचानक सड़कों पर उतर आए और तीन युवतियों की निर्मम हत्या के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे। ये तीनों लड़कियां पांच दिन पहले रहस्यमय तरीके से गायब हुई थीं और अब उनका शव एक घर के आंगन से बरामद हुआ है।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस वारदात को ड्रग माफिया से जोड़ा जा रहा है। मरने वालों में बीस साल की दो चचेरी बहनें ब्रेंडा डेल कैस्टिलो और मोरेना वर्डी शामिल हैं जबकि तीसरी पीड़िता पंद्रह साल की लारा गुटिरेज थी। इन तीनों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने के बाद दफना दिया गया। खास बात यह है कि हत्यारों ने इस पूरे अपराध को सोशल मीडिया पर लाइव दिखाने की कोशिश की और कुछ चालीस से ज्यादा लोगों ने यह सब अपनी आंखों से देखा।

परिवार के लोग गुस्से और दर्द में हैं। ब्रेंडा के पिता लियोनेल डेल कैस्टिलो ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि बेटियों को पहले से ज्यादा सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अपनी बेटी के साथ की गई बर्बरता इतनी भयानक थी कि वह उसका चेहरा पहचान भी नहीं पाए। वहीं पीड़िताओं के दादा एंटोनियो डेल कैस्टिलो ने इस घटना को अमानवीय बताते हुए कहा कि इंसान तो दूर किसी जानवर के साथ भी ऐसा सलूक नहीं किया जा सकता।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों ने खुलासा किया है कि लड़कियों को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था। उनके नाखून उखाड़े गए हाथों की उंगलियां काटी गईं और उन्हें पीट कर दम घोंट दिया गया। इस सनसनीखेज मामले पर सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने सफाई दी है कि उन्हें इंस्टाग्राम पर लाइवस्ट्रीम का सबूत नहीं मिला है लेकिन जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया जा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री पेट्रीसिया बुलरिच ने बताया कि मामले में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। ताजा गिरफ्तारी बोलीविया की सीमा से लगे शहर विलाजोन से हुई है जहां से एक आरोपी को दबोचा गया जिसने अपराधियों को कार और अन्य मदद मुहैया कराई थी। इस पूरी घटना ने अर्जेंटीना को झकझोर कर रख दिया है और लोग न्याय की मांग करते हुए लगातार सड़कों पर डटे हुए हैं।