शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं और इस बार माता जगत जननी दुर्गा हाथी पर विराजमान होंगी। तृतीया तिथि बढ़ने के कारण नवरात्र एक अक्टूबर को समाप्त होंगे। ज्योतिषाचारियों का कहना है कि हाथी पर माता का आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है। जो भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करेंगे माता उनकी जिंदगी खुशियों और समृद्धि से भर देंगी। नवरात्र की तैयारियों को लेकर बाजारों में भी उत्साह देखा जा रहा है। हर तरफ दुर्गा प्रतिमाएं सजाई जा रही हैं और श्रद्धालु पोशाक शृंगार और पूजा सामग्री खरीदने में जुटे हैं। दुकानों पर माता की चुनरी और अन्य आवश्यक सामान से माहौल रंगीन और धार्मिक नजर आ रहा है।
ज्योतिषाचार्य डॉ पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि हाथी पर आगमन से देश और समाज में सुख वैभव और यश की वृद्धि होगी। कलश स्थापना का शुभ समय सुबह 6:03 से 8:22 तक और 10:40 से 12:56 तक रहेगा। इस बार गज पर विराजने से माता धन-धान्य की वृद्धि कृषि कार्य में उन्नति अच्छी वर्षा सुख-समृद्धि और विजय प्रदान करेंगी। ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा ने कहा कि कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है इसलिए देवी की पूजा से पहले कलश स्थापना आवश्यक है।
बाजार में इस बार बंगाली शैली की दुर्गा प्रतिमाएं भी उपलब्ध हैं। मूर्ति विक्रेता ऋषि कुशवाह ने बताया कि हमारी दुकानों में एक फीट से साढ़े सात फीट तक की प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। भक्तों की मांग के अनुसार बंगाली दुर्गा प्रतिमाएं भी मौजूद हैं। प्रतिमाओं की कीमत पांच सौ रुपये से लेकर आठ हजार रुपये तक है।
